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बार-बार कश्मीर का मुद्दा उठाने का यूएन में कोई असर नहीं होगा: भारत

बार-बार कश्मीर का मुद्दा उठाने का यूएन में कोई असर नहीं होगा: भारत

न्यूयार्क डेस्क/ संयुक्त राष्ट्र महासभा का उच्च स्तरीय सत्र आज से शुरू हो रहा है और ऐसी उम्मीद है कि पाकिस्तान इस मंच का इस्तेमाल कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए करेगा। इस पर भारत का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा एक वैश्विक मंच है और इसका इस्तेमाल वैश्विक मुद्दों को उठाने के लिए है, ऐसे में पाकिस्तान की ओर से लगातार इस मंच से कश्मीर का मुद्दा उठाते रहने की गूंज इस बहुराष्ट्रीय मंच पर सुनाई नहीं देने वाली। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैय्यद अकबरूद्दीन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा वैश्विक मुद्दों को उठाने का वैश्विक मंच है। हालांकि, अपने हितों को देखते हुए प्रत्येक देश अपने तरीके से इस मंच का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र हैं।

अकबरूद्दीन ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘ अगर कोई देश एक ही मुद्दे को बार-बार उठाना चाहता है तो यह उन पर है कि वह लगातार इस तरह की चीजों को बार-बार उठाते रहें। हमने इस तरह की स्थिति का सामना पूर्व में भी डट कर किया है और हम आश्वस्त हैं कि ऐसा हम दोबारा भी करेंगे।’ अकबरूद्दीन संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें बैठक में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे को फिर से उठाने की संभावना के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि भारत साझेदारी में काम करता है और भारत को इस बात का गर्व है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में उसकी प्राथमिकताएं अंतरराष्ट्रीय समुदाय में प्रतिध्वनित होती हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष के बीच बैठक के आग्रह को भारत ने स्वीकार कर लिया था लेकिन भारत ने अब इस बैठक को रद्द कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की बर्बर तरीके से की गई हत्या और इस्लामाबाद द्वारा कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी के नाम पर डाक टिकट जारी करने के बाद यह बैठक रद्द की गई।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खान ने भारत के इस कदम पर ट्वीट करते हुए कहा कि वह भारत के ‘नकारात्मक और अहंकारी’ रवैये से निराश हैं। जब खान के इस ट्वीट के बारे में अकबरूद्दीन से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘ आपने जो मुद्दा उठाया है, वह हमारे द्विपक्षीय मुद्दे से जुड़ा हुआ है और उसका निपटारा उसी तरह से किया जाएगा जिस तरह से हम निपटारे की इच्छा रखते हैं।’

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