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सपा-बसपा मेरी जाति के सर्टिफिकेट बांट रही, कांग्रेस दे रही गाली : मोदी

सपा-बसपा मेरी जाति के सर्टिफिकेट बांट रही, कांग्रेस दे रही गाली : मोदी

बांदा डेस्क/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जाति’ को लेकर विपक्षी दलों पर गुरूवार को बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सपा-बसपा और कांग्रेस केवल जात-पात और पंथ-संप्रदाय तक ही सोच सकते हैं। वे ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की बात नहीं करना चाहते। मोदी ने यहां एक जनसभा में कहा, ”सपा और बसपा वाले मेरी जाति का सर्टिफिकेट बांटने में जुटे हैं और कांग्रेस के नामदार मोदी के बहाने पूरे पिछड़े समाज को ही गाली देने में लगे हैं।” उन्होंने कहा, ”इनकी राजनीति का यही सार है कि जात-पात, पंथ संप्रदाय से आगे सोच ही नहीं सकते। एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बात इनके पल्ले नहीं पड़ती।”

मोदी ने कहा कि जमीन से पूरी तरह कट चुके लोग इस बार अपने ही खेल में फंस गए हैं। इनको पता ही नहीं चला कि 21वीं सदी का मतदाता, ये नौजवान जिसकी जिन्दगी के सारे सपने अधूरे हैं, जो ख्वाब लेकर चला है, ख्वाहिश लेकर बढ़ा है और खपने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ”21वीं सदी में जो पैदा हुआ, पूरी 21वीं सदी उसके सामने पड़ी है। वो क्या चाहता है, ये ना नेताओं को समझ आ रहा है और ना राजनीतिक पंडितों को समझ आ रहा है।” मोदी ने कहा, ”ये जाति के समीकरण बिठाते रहे और हमारे युवा आज विकास की राजनीति के साथ खड़े हो गए हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, ”आप मुझे बताइए….. हमारे देश के महान बलिदानी भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, झांसी की रानी और सुभाष चंद्र बोस किस जाति के थे… एक भी महापुरुष अपनी जाति से नहीं जाना जाता बल्कि अपने कार्यों से जाना जाता है।” उन्होंने कहा, ”आज़ादी के इतने वर्षों तक जाति-बिरादरी के नाम पर वोट मांगे गए लेकिन फिर क्या हुआ… सत्ता में आते ही बदले की कार्रवाई शुरु हो जाती थी।” मोदी ने कहा, ”राजनीति के इस मॉडल ने सिर्फ व्यक्ति-व्यक्ति में ही भेद नहीं किया बल्कि क्षेत्रों के आधार पर भी भेदभाव किया।

बुंदेलखंड के इस क्षेत्र को अभाव में रखने का पाप इसी सोच के कारण हुआ है।” उन्होंने कहा कि आज जो गांव-गांव में सड़कें बन रही हैं, वहां हर जाति, हर पंथ के लोग चलते हैं। हर गांव और हर घर तक बिजली पहुंच रही है, वो हर जाति, हर पंथ को मिल रही है। मोदी ने कहा कि जाति के बंधनों को तोड़कर देश ने जैसे ‘स्वराज’ हासिल किया था, वैसे फिर जाति बंधनों को तोड़कर ‘सुराज्य’ हासिल करेगा। लेकिन नए भारत की इस ऐतिहासिक यात्रा में आपको ऐसे लोगों से और ऐसे राजनीतिक दलों से सतर्क रहना है जो वापस देश को पुराने दौर में ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 300 सीटों पर वोट पड़ने के बाद जो खबरें आ रही हैं उससे कुछ लोगों के चेहरे लटक गए हैं। अब इन्होंने फिर से ईवीएम का राग छेड़ दिया है।

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