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सिसकता उद्योग, डूबती अर्थव्यस्था ?

सिसकता उद्योग, डूबती अर्थव्यस्था ?

TIL Desk/ #Editorial- #CCD के मालिक वीजी सिद्धार्थ ने आत्महत्या कर युवा पीड़ी को हिला दिया है, अमीर बिज़नेसमैन बनने के बाद क्या अंत ऐसा होना है | हर बार उद्योग नीति पर राजनीति क्यों भारी पड़ती है |

आखिर क्या कारण है कि भारतीय उद्योगपति एक-एक करके धराशायी हो रहे है? #अनिलअम्बानी रिलायंस (आर कॉम), #सुब्रतरॉयसहारा, #विजयमाल्या (किंगफ़िशर एयरलाइन्स), #नरेशगोयल (जेट एयरवेज) और सुभाष चंद्रा ज़ी टीवी जैसे दिग्गज अपनी साख बचने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं |

क्या भारतीय अर्थव्यवस्था का ढिढोरा सिर्फ चुनावी मंच तक ही सीमित रह गया है | भारत की अर्थव्यवस्था का सही आकड़ा जुटाने में हम कामयाब क्यों नहीं हो पा रहे हैं, हम गुमराह हो रहे है या हमें गुमराह किया जा रहा है |

अमेरिका ने फेसबुक के मालिक मार्क ज़करबर्ग पर 39 हज़ार करोड़ का दंड लगाया उसके बाद भी मार्क ज़ुकरबर्ग पर आंच नहीं आयी | दुनिया के सबसे अमीर शख्स और एमेजॉनडॉटकॉम इंक के फाउंडर जेफ बेजॉस अपनी पत्नी मैकेंजी से तलाक लेने के बाद उसे हर्ज़ाने के रूप में 36.5 अरब डॉलर ( करीब 2.52 लाख करोड़ रुपये) देते हैं उसके बाद भी कंपनी पर कोई आंच नहीं आयी |

वर्तमान में भारतीय भारतीय उद्योग जगत के वास्तविक आकंड़े चौकाने वाले है | बाज़ार सुस्त है! धीमा है | भारत में वही व्यापार सफल हो रहा है जिस व्यापार में विदेशी निवेश है |

आर्थिक तंगी से जूझने और भारतीय लाल फीताशाही-राजनीति के सामने घुटने टेकने बाद “कैफ़े कॉफ़ी डे” के फाउंडर वी जी सिद्धार्थ ने नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली | युवा पीढ़ी के सपनो को ये ज़ोर का झटका लगने जैसा है! अब भारतीय बाज़ारऔर अर्थव्यवस्था का भविष्य क्या है ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा | तब तक के लिए सिर्फ एक ? है |

(प्रधान संपादक)

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