नई दिल्ली डेस्क/ आयकर विभाग ने कथित कर धोखाधड़ी में शामिल रहने के आरोप में राजस्थान के दो व्यापारिक समूहों के पचास परिसरों की तलाशी ली। समूह 300 करोड़ रुपये की अघोषित आय छिपा रहे थे। अब तक की तलाशी में दोनों फर्मो के पास से 17 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और आभूषण बरामद किए गए हैं।
एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने कहा कि इनमें से एक समूह राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में बिजली के स्विच, तार, एलईडी, रियल एस्टेट तथा होटल व्यवसाय से संबंधित व्यापारिक कार्यो में लगा हुआ है, जबकि दूसरा समूह जयपुर और इसके आसपास के शहरों में धन उधार देने की गतिविधियों में संलग्न है।
तलाशी अभियान के तहत जयपुर, मुंबई और हरिद्वार सहित विभिन्न स्थानों में फैले 50 से अधिक परिसरों में छापेमारी की गई है। तलाशी की कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल डाटा मिले हैं और उन्हें जब्त कर लिया गया है।
एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने कहा, जब्त किए गए साक्ष्यों के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि स्विच, वायर, एलईडी आदि के निर्माण के कारोबार में लगी कई संस्थाएं ऐसे सामान बेच रही हैं, जो नियमित खातों में दर्ज नहीं किए गए हैं। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि वे कर योग्य आय को कम करने के लिए फर्जी खर्चो का दावा प्रस्तुत कर रहे थे।
अधिकारी के अनुसार, माल की बेहिसाब बिक्री पर नकद राशि प्राप्त होने के सबूत भी मिले हैं। इस समूह के मामले में तलाशी दल ने 150 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय वाले लेनदेन का पता लगाया है। समूह के प्रमुख व्यक्ति ने 55 करोड़ रुपये को अघोषित आय के रूप में स्वीकार किया है और उस पर कर का भुगतान करने की पेशकश की है।
दूसरे समूह से संबंधित जब्त किए गए तथा अन्य प्राप्त हुए दस्तावेजों के विश्लेषण से पता चला है कि अधिकांश ऋण नकद में दिए गए हैं और इन ऋणों पर अपेक्षाकृत उच्च ब्याज दर वसूल की गई है।
इस कार्य में लगे व्यक्तियों की आय के विवरण में न तो अग्रिम ऋण और न ही उस पर अर्जित ब्याज की आमदनी का खुलासा किया गया है। इस समूह को लेकर 150 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय के प्रमाण मिले हैं।
अब तक की गई तलाशी कार्रवाई में कुल 17 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी व जेवरात बरामद किए गए हैं। मामले में आगे की जांच जारी है।