लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को विधान परिषद में समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि समाजवाद का मतलब परिवारवाद नहीं, बल्कि सबका साथ और सबका विकास होता है। उपमुख्यमंत्री केशव सोमवार को बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-23 का बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है और सबका साथ व सबका विकास करने वाला है। उन्होंने कहा कि समाजवाद का मतलब परिवारवाद नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बेहतर होने के कारण प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को पक्के मकान एवं सौभाग्य योजना के तहत गरीबों को बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है। किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारी जा रही है। शतरुद्र प्रकाश ने बजट का समर्थन करते हुए कहा कि यह एक सांस्कृतिक बजट है। यह पहली सरकार है, जिसने जनजातियों का संग्रहालय बनाने की व्यवस्था बजट में की है।
सदन में प्रश्न प्रहर सामान्य रूप से चला। सदस्यों को उनके सवालों के जवाब मिले। शून्य प्रहर में सपा सदस्य और नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव,व बलराम यादव, आशुतोष सिन्हा, नरेश चंद्र उत्तम, रणविजय सिंह, डा. मानसिंह यादव ने वाराणसी में सिंबल लोडिंग ईवीएम मशीनों और चिप पकड़े जाने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का पुलिस द्वारा उत्पीड़न किए जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया।
ग्राह्यता पर सपा के नरेश चंद्र उत्तम, आशुतोष सिन्हा, डा. मान सिंह यादव एवं नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि जबसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है तबसे लगातार प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चिन्हित करके किसी न किसी झूठे मुकदमें में एफआईआर करे उन्हें फंसाया जा रहा है। सदस्यों ने वाराणसी की 8 मार्च को हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव परिणामों के बाद 11 मार्च को सरकार ने सपा कार्यकर्ताओं पर दो एफआईआर लालपुर थाने में और जैतपुरा थाने में दर्ज कराई। न्यायालय से अंतरिम जमानत पर छूटे कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा गंभीर धाराएं बढ़ाकर दोबारा जेल भेज दिया गया। उस दौरान चुनाव आयोग ने एडीएम को भी सस्पेंड किया था जिससे साफ जाहिर है कि घोर अनियमितता पाई गई थी। पुलिस ने बिना किसी साक्ष्य के सरकार के इशारे पर सपा के लोगों को गिरफ्तार किया।