लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार धार्मिक पर्यटन पर जोर देने के बाद अब ग्रामीण पर्यटन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार, पर्यटन विभाग प्रत्येक जिले में एक या दो गांवों की पहचान कर उसे ग्रामीण पर्यटन के लिए तैयार करेंगे। इसमें विशेषज्ञों और सलाहकारों का एक पैनल भी शामिल रहेगा। प्रवक्ता ने कहा, दुनिया भर में रोजगार पैदा करते हुए पर्यटन वैश्विक और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को चला रहा है। उत्तर प्रदेश एक मजबूत सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत है। इसके बावजूद वर्तमान में विश्व पर्यटन परिदृश्य में छोटी भूमिका निभाता है।
कुछ उदाहरणों का हवाला देते हुए प्रवक्ता ने कहा, कुशीनगर में पवननगर गांव को भगवान महावीर की निर्वाण भूमि माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने अपना अंतिम भोजन यहीं खाया था। इसी तरह, बांदा के सरबाई गांव में, एक वार्षिक उत्सव का आयोजन होता है। इस उत्सव में योद्धा बीरन की प्रेम कहानी का जश्न मनाया जाता है, जिन्हें एक राजा की बेटी से प्यार हो गया था। मान्यता है कि इन योद्धा के मंदिर में जो भी प्रेमी जोड़ा जाता है, उसकी प्रेम कहानी सफल होती है। प्रवक्ता ने कहा कि अयोध्या, मथुरा, कुशीनगर, चित्रकूट जैसे जिलों के चलते उत्तर प्रदेश का पर्यटन रूप तेजी से बदल रहा है। ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने से ग्रामीण इलाकों में रोजगार बढ़ेगा। प्रवक्ता ने कहा, हम ग्रामीणों को होम स्टे शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसमें इंडस्ट्री के बड़े उद्योगपति की मदद ली जाएगी।