लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सभी मण्डल मुख्यालयों पर टेस्टिंग लैब स्थापित कराये जाएं। यहां बीज और उत्पादन के सर्टिफिकेशन की कार्रवाई हो सकेगी।
मुख्यमंत्री योगी आज यहां राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 165वीं बैठक में निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों की प्रयोगशालाओं को और साधन संपन्न और उन्नत किया जाए। और कृषि विज्ञान केंद्रों पर भी टेस्टिंग लैब स्थापित करने के प्रयास हों। इस प्रकार हम अपने प्रदेश को जैविक प्रदेश के रूप में विकसित करने में सफल हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा किसानों के हित का ध्यान रखते हुए किये जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व से संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है। पिछले वित्तीय वर्ष में जहां 614 करोड़ की आय हुई थी, वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 361 करोड़ का राजस्व संग्रहीत हो चुका है। हमें इस वर्ष 1500 संग्रह के लक्ष्य के साथ काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडियों में प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो। यहां बैठने के लिए अच्छी सुविधा हो। भोजनालय- कैंटीन को और व्यवस्थित किये जाने की आवश्यकता हो। भोजन का मेन्यू भले ही छोटा हो,लेकिन भोजन स्वादिष्ट और गुणवत्तापूर्ण हो।
उन्होंने कहा कि मंडी परिषद की सहायता से कृषि विश्वविद्यालय में छात्रावास का निर्माण कराया जाए। कहा कि विभिन्न जनपदों में कृषि उत्पादन मंडी परिषद की भूमि/भवन निष्प्रयोज्य हैं। इस भूमि/भवन के व्यवस्थित इस्तेमाल के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। इस प्रकार परिषद अपनी आय का एक नवीन विकल्प भी सृजित कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी परिषद में समूह घ से ग में पदोन्नति के लिए शासन में प्रचलित नियमावली को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि मंडी समितियों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए आशुलिपिक संवर्ग की पदोन्नति की संरचना में सुधार किया जाना आवश्यक है। इस दिशा में उचित कार्यवाही की जाए।