लखनऊ डेस्क/ यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने देश और धर्म की रक्षा के लिए सर्वस्व अर्पित करने वाले सिख पंथ को समाज के लिए महान प्रेरणा बताया है। उन्होंने कहा है कि गुरुनानक देव ने जिस विशुद्ध भक्ति धारा को प्रवाहित किया था, जब भी देश, समाज और धर्म को जरूरत पड़ी, तो इसे क्रांति पुंज बनने में देर नहीं लगी। सिख गुरुओं का त्याग और बलिदान हमें अपने धर्म, अपनी संस्कृति, परंपरा तथा राष्ट्र की अखंडता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए प्रेरित करता है।
9वें सिख गुरु तेग बहादुर जी के 401वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में सिख गुरुओं के प्रति अपने श्रद्धाभाव को प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने सिख समाज के त्याग, बलिदान की परंपरा, धर्म के प्रति समर्पण और समाज के प्रति सेवाभाव को भी नमन किया।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के सानिध्य में गुरु तेग बहादुर जी के 401वें प्रकाश पर्व के आयोजन पर सभी को बधाई देते हुए सीएम ने सिख परंपरा को इतिहास में उचित स्थान न मिलने पर रोष भी जताया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सिख परंपरा को मानवता की महान संस्कृति कहा। उन्होंने कहा कि गुरुओं ने हमें धर्म के प्रति आस्था, संस्कार, करुणा, सेवाभाव सहित मानवता के सभी गुणों से प्रकाशित किया तो राष्ट्र और धर्म की रक्षा की प्रेरणा भी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम मंगल ग्रह तक पहुंच रहे हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स की बात हो रही है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ दुनिया काफी आगे बढ़ गई है, लेकिन हमें अपने इतिहास को भी याद रखना होगा, क्योंकि इतिहास को भुलाकर कोई समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता।
कहा कि सिख गुरुओं का इतिहास भारत की गौरवशाली विजयगाथा का स्मरण कराता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम लोग श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन करते हैं, तो मंदिर को स्वर्णमंडित करने वाले महाराजा रणजीत सिंह का स्मरण भी होता है। महाराजा रणजीत सिंह, उनके वंशजों अथवा किसी सिख भाई ने कभी यह दावा नहीं किया कि हमने इस मंदिर को स्वर्णमंडित किया है। यह कृतज्ञतापूर्ण भाव प्रेरणास्पद है।