जयपुर डेस्क/ राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शिक्षक की पिटाई से बच्चे की मौत के मामले में पुलिस, प्रशासन और अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए जालोर के अतिरिक्त जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी को हटाने की मांग की है। पुलिस अधीक्षक पर पीड़ित परिवार के सदस्यों पर लाठीचार्ज करने और फोन छीनने का आरोप है।
पायलट ने मंगलवार को सुराणा में मृत बच्चे के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, जहां तक इस घटना का सवाल है, यह कहना काफी नहीं है कि ऐसा दूसरे राज्यों में भी होता है। अगर दलितों, आदिवासियों के साथ ऐसा होता है तो हमें जीरो टॉलरेंस लाने की जरूरत है। पायलट ने कहा, दलितों पर अत्याचार करने वाली मानसिकता को हराने के लिए हमें कुछ कदम उठाने होंगे। दलितों के मन में हमें यह विश्वास दिलाना होगा कि उन पर अत्याचार करने के बाद कोई बच नहीं सकता।
उन्होंने कहा, अगर किसी के साथ ऐसी घटना हो जाए तो हमें अन्याय के खिलाफ बोलना चाहिए। आज सरकार हमारी है, हम जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। आजादी मिले 75 साल हो गए हैं। उन्होंने कहा, सरकार को व्यवस्था में कमियों को दूर करने के लिए काम करना चाहिए। सरकार का भरोसा बना रहना चाहिए। वंचितों के दिमाग में यह होना चाहिए कि अगर कोई उनके साथ गलत करता है, तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।
जहां भी किसी गरीब, दलित, असहाय पर अत्याचार हुआ है, हम वहां गए हैं। भविष्य में किसी में भी ऐसा साहस नहीं होना चाहिए कि वह ऐसे कृत्य को दोहराए, हम सभी जिम्मेदार पदों पर हैं। हम सब मिलकर लोगों का विश्वास जीतेंगे। जो बच्चा चला गया है, वह वापस नहीं आएगा, लेकिन हम कार्रवाई करके एक मिसाल कायम कर सकते हैं। पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात के बाद पायलट ने कहा कि आज भी यह परिवार डर के माहौल में जी रहा है। उन्होंने कहा, भविष्य में पीड़ित परिवार के जीवन और संपत्ति की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है और हमें उम्मीद है कि सरकार उनकी रक्षा करेगी।
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