TIL Desk नई दिल्ली/ दिव्यांगों से जुड़े एक महत्वपूर्ण विधेयक को शुक्रवार को संसद की मंजूरी मिल गई, लोकसभा ने इसे पारित कर दिया | इसमें नि:शक्तजनों से भेदभाव किए जाने पर दो साल तक की कैद और अधिकतम पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है |
दिव्यांगों की श्रेणी में तेजाब हमले के पीड़ितों को भी शामिल किया गया है, नि:शक्त व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र संधि और उसके आनुषंगिक विषयों को प्रभावी बनाने वाला नि:शक्त व्यक्ति अधिकार विधयेक 2014 काफी व्यापक है और इसके तहत दिव्यांगों की श्रेणियों को सात से बढ़ाकर 21 कर दिया गया है | इन 21 श्रेणी में तेजाब हमले के पीड़ितों और पार्किंसन के रोगियों को भी शामिल किया गया है |
विधेयक पर टीआरएस सदस्य के कविता द्वारा पेश संशोधन को सदन ने मतविभाजन के पश्चात नामंजूर कर दिया | सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचन्द गहलोत के प्रस्ताव पर सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया | विधेयक में नि:शक्तजनों के लिए आरक्षण की व्यवस्था तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दी गई है |
इसके साथ ही विधेयक में नि:शक्तजनों के लिए कई व्यापक प्रावधान किए गए हैं | गहलोत ने बताया कि इसमें नि:शक्तजनों से भेदभाव करने की स्थिति में छह महीने से लेकर दो साल तक की कैद और 10 हजार रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान है | विधेयक में वही परिभाषा रखी गई है जिसका उल्लेख संयुक्त राष्ट्र संधि में किया गया है |
उन्होंने कहा कि इसके प्रावधान सरकार से मान्यता प्राप्त निजी संस्थाओं पर भी लागू होंगे | मंत्री ने कहा कि देश की आबादी के 2.2 प्रतिशत लोग दिव्यांग हैं | अभी तक कानून में इनके लिए 3 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था जिसे बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया है, मंत्री के जवाब के समय सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा में मौजूद थे |