नई दिल्ली डेस्क/ भारतीय वायु सेना (आईएएफ) 15 और 16 दिसंबर को भारत-चीन सीमा के पास अभ्यास करेगी, आईएएफ के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि असम के तेजपुर, छाबुआ, जोरहाट और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में हवाई अड्डों के अभ्यास में सक्रिय होने की संभावना है। यह आईएएफ की पूर्वी कमान द्वारा चीन के मोर्चे पर आईएएफ की क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए नियोजित एक कमांड स्तर का अभ्यास होगा। युद्धाभ्यास में लड़ाकू विमान, परिवहन विमान, हेलीकॉप्टर और मानव रहित हवाई वाहन भाग लेंगे। हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में चीनी सेना के साथ हुई झड़प के बीच भारतीय सेना कजाकिस्तान के साथ भी पूर्वोत्तर में संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास शुरू करने जा रही है।
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मेघालय के उमरोई में 15 से 28 दिसंबर तक भारत-कजाकिस्तान संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास काजिंद-22 का छठा संस्करण आयोजित किया जाएगा। भारतीय सैन्य अधिकारियों के अनुसार, इस अभ्यास के दायरे में बटालियन स्तर पर एक कमांड पोस्ट एक्सरसाइज (सीपीएक्स) और उप-पारंपरिक संचालन पर कंपनी-स्तर फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज (एफटीएक्स) शामिल है। अभ्यास के दौरान, प्रतिभागी संयुक्त योजना, संयुक्त सामरिक अभ्यास, विशेष हथियार कौशल, एचएडीआर और शत्रुतापूर्ण लक्ष्य पर हमला करने से लेकर विभिन्न मिशन शामिल होंगे।
कजाकिस्तान सेना के सैनिक, जिसमें क्षेत्रीय कमान के सैनिक, 11 गोरखा राइफल्स के दक्षिण और भारतीय सेना के सैनिक शामिल हैं, अभ्यास में भाग लेंगे। अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र शांति प्रवर्तन शासनादेश के तहत सकारात्मक सैन्य संबंध बनाना, एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं को आत्मसात करना और अर्ध-शहरी और जंगल परि²श्य में आतंकवाद-रोधी अभियानों को अंजाम देते हुए एक साथ काम करने की क्षमता को बढ़ावा देना है। भारतीय सेना ने कहा कि यह संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं को संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में आने वाले संभावित खतरों को बेअसर करने के लिए संयुक्त सामरिक अभ्यासों की एक श्रृंखला को प्रशिक्षित करने, योजना बनाने और निष्पादित करने में सक्षम करेगा।