TIL Desk Lucknow/ प्रेस क्लब में शिया चाँद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद सैफ अब्बास नकवी व अन्य धर्मगुरूओं ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि 75 साल से हर राजनीतिक दल ने मुसलमानों का शोषण किया है. चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं और सरकार बनने के बाद सभी वादों की अनदेखी की जाती है जैसा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट से पता चला है।
हर सरकार ने हमेशा मुसलमानों को शैक्षिक और आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश की है। लेकिन अब हम सभी को जागना होगा जब देश में 2ः, 4ः, 5ः वाले समूदाय का प्रतिनिधित्व है, तो शिया समूदाय, जो अल्पसंख्यक में अल्पसंख्यक है, और मुसलमानों मे लगभग 15 से 20ः यानी 30 करोड़ मुसलमानों मे 5 से 6 करोड़ शिया हैं। शिया समूदाय हर क्षेत्र में पिछड़ता जा रहा है।
कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देखा जा सकता है, किसी भी प्रदेश या केंद्र में शिया प्रतिनिधित्व नहीं है। इसलिए शिया समूदाय जनसंख्या के अनुपात में अपना हिस्सा मांगेगा। इस संबंध में 15 जुलाई 2023 को नई दिल्ली में शिया धर्मगुरूओं का एक सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देश के विभिन्न प्रदेशों के धर्मगुरू की उपस्थिति के लिए स्वीकृत प्राप्त हुई है।
इस बैठक में कामन सिविल कोड के मुददे के अलावा अन्य मुददों पर धर्मगुरूओं से चर्चा करके 2023 में प्रदेशों के चुनाव और 2024 में होने वाले केंद्रीय चुनाव के लिए अपनी मांगों को राजनीतिक दलों के समक्ष रखेंगे।