मुल्क में आपसी भाईचारा,अमन चैन, सुख शांति और प्रदेश की खुशहाली के लिए हुई विशेष दुआएं
TIL Desk Lucknow/ चौक स्थित मख़दूम शाहमीना शाह बाबा का 561 वां उर्स मुबारक बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस मुबारक मौक़े पर दरगाह पर समाजसेवियों और पत्रकारों ने भी अकीदत की चादर पेश की और मुल्क में आपसी भाईचारा,अमन चैन,सुख शांति और प्रदेश की खुशहाली के लिए इज्तिमाई शक्ल में विशेष दुआएं की।
इस अवसर पर प्रिंट मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीज सिद्दीकी और उत्तर प्रदेश जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन के महामंत्री अब्दुल वहीद, सचिव जुबैर अहमद, होमियोपैथ के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर आदर्श त्रिपाठी, प्रिन्ट मीडिया के राष्ट्रीय महामंत्री परवेज़ अख़्तर, वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र कुमार खन्ना, एस.बी न्यूज़ के शबाब नूर, आरएसएस न्यूज़ के सय्यद गुलाम हुसैन,कामरान एक्सप्रेस के जमील मलिक,व मोहम्मद इकराम उर्फ गुड्डू, वरिष्ठ छायाकार आरिफ़ मुकीम, पत्रकार रामबाबू, सुभाष चंद्र, इत्यादि मौजूद रहे।
इन सबकी मौजूदगी में दरगाह के सज्जादा नशीन व मुतवल्ली राशिद अली मीनाई ने मजार शरीफ पर समाज के सभी वर्गों और पत्रकारों की खुशहाली के लिए अल्लाह से दुआएं मांगी।इस मौके पर सज्जादा नशीन राशिद अली मीनाई ने बताया कि इस उर्स में देश के विभिन्न हिस्सों से आए हुए श्रद्धालु मख़दूम शाहमीना शाह बाबा को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं,रात भर सूफ़ी कव्वाली होती है इसी के साथ लंगर का आयोजन व वितरण भी किया जाता है। इसी क्रम में लखनऊ के अलावा देश विदेश में भी मशहूर वाहिद बिरयानी ग्रुप की ओर से आबिद अली कुरैशी ने वेज बिरियानी और शीरमाल व रोटी वहां मौजूद जायरीनों को बांटी।
इसके अलावा इस रूहानी महफ़िल में उस वक्त माहौल और सूफियाना हो गया जब वरिष्ठ समाजसेवी शहजादे कलीम ने अजमेर शरीफ से लाई (विशेष शमा) को सज्जादा नशीन राशिद अली मीनाई को भेंट किया।जिस शमा के लिए ये प्रचलित है,जिससे,अज़मेर शरीफ़ में ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती रहo की दरगाह शरीफ में शमा रोशन की जाती है, जिसको छू लेने भर से ही मन का अंधेरा दूर हो जाता और शांति महसूस होती है।आयोजन के अंत में पत्रकारों और समाजसेवियों को सज्जादा नशीन राशिद अली मीनाई ने मजार मुबारक की चादर ओढ़ाकर और तबर्रुक देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सपा नेता, मो यामीन शहरोज एजाज,तारिक,आदिल खान व ओवैस सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।