TIL Desk Lucknow/ विद्यालय का प्रांगण दर्शकों के तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा जब विद्यालय के प्रांगण में वार्षिकोत्सव समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपेन्द्र अग्रवाल , संयुक्त पुलिस आयुक्त लखनऊ साथ ही चिरंजीव नाथ सिन्हा, संयुक्त पुलिस आयुक्त, लखनऊ और विशिष्ट अतिथि के रूप में रश्मि सिन्हा , अपर पुलिस अधीक्षक, लखनऊ ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई । इस अवसर पर अन्य विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम का मान बढ़ाया। सुपरहाउस ग्रुप के चेयरमैन मुख्तारूल अमीन के साथ साथ शाहीना अमीन , जफर उल अमीन और विद्यालय की निदेशिका फिरदौस अमीन ने भी उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इसके अतिरिक्त अन्य विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने भी अपनी उपस्थिति से समारोह में चार चांद लगाए।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ । हमें बचपन की सपनीली दुनिया में ले जाते हुए प्राइमरी कक्षा के नन्हे मुन्नों ने मंच पर डोरेमोन ,छोटा भीम आदि को जीवन्त कर दर्शक दीर्घा में उपस्थित सभी के दिल में बचपन की यादें ताजा कर दीं। उपेन्द्र अग्रवाल ने अपने आतिथेय भाषण से सभी को संबोधित करते हुए प्रेरणादायी शब्द कहे । कक्षा एक और दो के नन्हे प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रान्तों की नृत्य शैली की झलक प्रस्तुत की और अनेकता में भी एकता का संदेश दिया । इसी क्रम में विद्यालय की प्रधानाचार्या ने उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए अतिथिगण का स्वागत किया तथा विद्यालय की उपलब्धियों की संक्षिप्त जानकारी दी ।
विद्यालय के छात्र- छात्राओं ने सूफी गायन प्रस्तुति, कव्वाली आदि अनेक रंगारंग कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति दी तथा सभी का दिल जीत लिया । खेलों को प्रोत्साहन देते हुए कक्षा तीन से पांच के छात्र छात्राओं ने मनमोहक प्रस्तुति दी । फ्रेंच कथा पर आधारित अंग्रेजी नाटक के मंचन द्वारा बाहरी दुनिया के दिखावटीपन से दूर रहने की सलाह दी गई। हम सबके प्रेरणा स्रोत डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम के जीवन चरित से प्रेरणा देते हुए कक्षा छः से आठ के विद्यार्थियों द्वारा ‘ कलाम को सलाम ‘ नामक कार्यक्रम द्वारा डॉ कलाम के जीवन की झलकियां और उनके संघर्षों को दर्शाया गया ।
मंच को वीणा के सुरों से झंकृत करते हुए राग यमन की शानदार प्रस्तुति की गई। जो की कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा । देश के लिए मर – मिटने वाले आजादी के परवानों को यादों को ताजा करते हुए 1857 की क्रांति की गौरव गाथा की अमिट छाप दर्शकों के हृदय पर छाप छोड़ने में हिन्दी नाटक समर्थ रहा। इसी क्रम में एक से बढ़कर एक रंगारंग कार्यक्रमों जैसे भारतीय शास्त्रीय गायन तथा पाश्चात्य संगीत आदि का प्रस्तुतिकरण करते हुए कार्यक्रम अपने चरमोत्कर्ष को प्राप्त हुआ। तत्पश्चात् मुख्य अतिथि महोदय ने सभी प्रतिभागियों के प्रयासों की भूरि- भूरि प्रशंसा की तथा आशीर्वचनों से सभी को कृतार्थ किया ।
मुख्तारुल अमीन , शाहीना अमीन , जफर-उलमीन ,फिरदौस अमीन आदि ने समारोह के सफ़लता पूर्वक आयोजन के लिए सभी के सम्मिलित प्रयास हेतु सभी को प्रोत्साहित करते हुए कार्यक्रम की प्रशंसा की तथा सभी का उत्साहवर्धन किया। प्रधानाचार्या महोदया ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया और अंत में राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।