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अखिलेश की इमेज भायी राहुल को

अखिलेश की इमेज भायी राहुल को

TIL Desk # Election Live/ असली समाजवादी होने की लंबे समय तक चाहे जो-जो भी जंग चली हो पर यह भी सच है की अंदर खाने युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व् कांग्रेस के युवराज राहुल गाँधी के बीच दोस्ती की पींगे बढ़ती रही | बात यहाँ तक भी आ पहुँची की सपा का चिन्ह ‘साइकिल’ फ्रीज़ हो सकता है | लेकिन अखिलेश की निजी इमेज के आगे साइकिल का कोई पुरसा हाल न रहा | राहुल ने तो यहाँ तक मान लिया की इन्हें कोई भी चुनाव चिन्ह मिले, यू0 पी0 में कांग्रेस गठबंधन करेगी | राहुल के विदेश में रहने तक आशंकाओ का बाज़ार गर्म रहा, किन्तु जैसे ही वे दिल्ली लौटे क़रीब-क़रीब यह तय हो गया कि सपा से कांग्रेस का 90 से 100 सीटो के बीच तक समझौता हो जायेगा |

आख़िर वे कौन से ऐसे बड़े कारण हैं जिनके चलते राहुल विभाजित समाजवादी पार्टी से समझौते के पक्षधर हैं | चुनावी पंडितो का अनुमान हैं कि कांग्रेस यह अच्छी तरह से जानती हैं कि केवल अपने बूते वह 27 साल का सूखा ख़त्म नहीं कर सकती | दूसरे अखिलेश को मिल रहे बड़े समर्थन का फायदा भी उसे मिलेगा | इन् सबसे हट कर सबसे बड़ा कारण मुस्लिम वोट बैंक भी हैं | सपा कि रार के बाद बसपा ने मुस्लिमों को चारा डाला हैं क्योंकि उसके ख़ुद के दलित व् कुछ प्रतिशत पिछड़े वोट बैंक में दरार पड़ चुकी हैं |

चूँकि क़रीब तीन दशक पहले मुस्लिम कांग्रेस के पक्ष में जाता था उसमे कभी भी जनसंघ या भाजपा को पसंद नहीं किया | बाद में मुलायम सिंह के साथ मुस्लिम जुड़ गए | अब-जब सपा में मुलायम सिंह का धड़ा कमजोर साबित हो रहा हैं तो मुसलमानों में दुविधा हैं कि वह कहाँ जाये उसे तो वहीँ सब आता हैं जो भाजपा को सत्ता में आने से रोकने कि कूबत रखता हो | और यह समीकरण अखिलेश गुट व् कांग्रेस के गठबंधन से ही बनता नज़र आता हैं | इनके जुड़ाव का एक और बहुत बड़ा कारण साढ़े चौदह फीसदी से बढ़ी महिला मतदाता हैं | इनका मत प्रतिशत भी निर्णायक होगा | चुनाव के मैदान में यदि कांग्रेस कि प्रियंका वाड्रा और अखिलेश कि पत्नी डिम्पल यादव खुल कर उतर आती हैं तो उनका ग्लैमर महिला मतदाताओं को लुभाने में तुरुप के इक्के का काम कर सकता हैं |

प्रियंका व् डिंपल कि चुनावी सभायें अन्य दलों कि महिला नेताओं कि सभाओं कि तुलना में कहीँ ज्यादा प्रभावशाली नज़र आयेंगी | यहीं कुछ ऐसे कारण हैं जो अखिलेश व् राहुल को क़रीब लाने में सहायक बने हैं ताकि येन केन प्रकारेण चुनावी वैतरणी के पार उतर संके |

सुधीर निगम
रेजिडेंट एडिटर
https://www.facebook.com/shabdansh

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