TIL Desk New Delhi/ सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपीएटी के साथ ईवीएम पर डाले गए वोटों के 100% सत्यापन की मांग करने के मामले में बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने VVPAT पर्ची के मिलान से जुड़ी सभी याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि रिजल्ट घोषित होने के 7 दिन के भीतर उम्मीदवार दोबारा जांच की मांग कर सकता है. माइक्रो कंटोलर की मेमोरी की जांच इंजीनियर करेंगे. इस जांच का खर्च उम्मीदवार को करना होगा. गड़बड़ साबित होती है तो पैसा वापस मिल जाएगा. साथ ही जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुझाव देते हुए चुनाव आयोग से भविष्य में वीवीपीएटी पर्ची में बार कोड पर विचार करने को कहा है. इसके अलावा बेंच ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग भी नहीं मानी.
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