TIL Desk मथुरा: वृंदावन में गरुड़ क्रूज शुक्रवार को ट्रायल के दौरान यमुना में फंस गया और उससे काला धुआं उठने लगा। यमुना के बीच से क्रूज में बैठे अधिकारियों व लोगों को स्पीड बोट की मदद से किनारे पर पहुंचाया गया। कुछ समय के बाद क्रूज को यमुना किनारे पहुंचाया। इस ट्रायल के दौरान प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ तकनीशियनों की टीम भी मौजूद रही। क्रूज फंसने का कारण क्षमता से अधिक लोगों के सवार होना बताया जा रहा है।
वृंदावन में आने वाले लाखों धर्म सैलानियों को यमुना में गरुड़ क्रूज से सैर कराने के लिए शुक्रवार शाम छह बजे ट्रायल किया गया। क्रूज में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी, तकनीशियनों की टीम सहित 162 लोग सवार हो गए। केशीघाट के सामने यमुना किनारे चलकर करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर क्रूज यमुना में कम पानी होने के कारण बालू में फंस गया और ऊपर से काला धुआं निकलने लगा। इस पर तकनीशियनों और मथुरा क्रूज एलायंस कंपनी के अधिकारियों ने स्पीड बोट से 22 लोगों को क्रूज से उतारकर यमुना किनारे पहुंचाया।
मथुरा क्रूज एलायंस के अधिकारी राहुल शर्मा ने बताया कि पहली बार क्रूज का वास्तविक ट्रायल हुआ है। क्रूज की 150 लोगों की क्षमता है। अधिक लोग सवार होने और पानी कम होने के कारण क्रूज यमुना में फंस गया। ट्रायल के दौरान डिप्टी मजिस्ट्रेट राजकुमार भास्कर, सीओ सदर कुंवर आकाश सिंह, कोतवाली प्रभारी आनंद कुमार शाही एवं तकनीशियन टीम में मनोज अरोड़ा, सचिन भाटिया आदि मौजूद रहे।