TIL Desk #Election यूपी के दोनों ही लड़के हर किसी के सामने मिले तो दिल खोलकर मिले | पहले होटल ताज में एक दूसरे को गले लगाया | फिर यहाँ तक कह डाला यह प्रयाग में गंगा-यमुना के संगम में मिल जाने के सामान हैं | इतना ही नहीं मेल-मिलाप व् मीडिया से मुखातिब होने के बाद दोनों विजय रथ में सवार हो रोड शो के लिए लखनऊ की गलियो में निकल पड़े | साथ में दोनों के ही लाखो कार्यकर्ता जयकारे लगाते चल रहे थे | करीब १२ किलो मीटर का रास्ता तय कर यह यात्रा अवध की शान पुराने लखनऊ के घंटाघर में ख़त्म हुई | जहाँ युवा नेताओ ने उमड़ी भारी भीड़ को संबोधित किया | खासियत ये रही कि महानगर के लोगों ने खास कर मुस्लिम बाहुल्य इलाको में इसका दिल खोल कर स्वागत किया गया |
मौका था सपा कांग्रेस गठबंधन के बाद पहली बार राहुल गाँधी व् अखिलेश यादव का एक साथ मंच साझा करने का | इसके बाद इन कयासों पर भी विराम लग गया कि क्या चुनाव प्रचार के दौरान राहुल व् अखिलेश संयुक्त रैलियां करेंगे | हाँ, उम्मीद के मुताबिक भाजपा ने ज़रूर तुरंत यह कह डाला कि दोनों युवराज फ्लॉप रहे | होटल ताज के संयुक्त संवाददाता सम्मलेन में राहुल ने अखिलेश को राजनीती से इतर अपना पुराना दोस्त बताया तो एक मंजे हुए नेता की तरह यह भी कहने में गुरेज नहीं किया कि मायावती कि वह इज़्ज़त करते हैं व् कांशीराम एक सम्मानित नेता थे | एक सवाल कि गठबंधन में बसपा को क्यों शामिल नहीं किया | अखिलेश ने यह कह कर कि शरीर के हिसाब से हांथी को बहुत जगह चाहिए इशारा साफ़ कर दिया कि उन्हें अपने लिए बहुत ज्यादा सीटें चाहिए | यह दो बातें ही संकेत कर गयी कि भविष्य में सांप्रदायिक ताकतों को सत्ता कि दहलीज में पहुचने से रोकने के लिए कोई भी समझौता किया जा सकता हैं | क्योंकि अब सपा में भी उन लोगों को हाशिये पर डाल दिया गया जिन्हें गेस्ट हाउस कांड कि वजह से मायावती पसंद नहीं करती हैं | लोग इसे २०१९ में होने वाले लोकसभा चुनाव कि नज़र से भी देखने लगे हैं |
सीटों के बंटवारे को राहुल ने छोटी-मोटी बात बताया तो अखिलेश के पांच साल के काम की तारीफ भी की | कहा अब विकास की इस रफ़्तार को दोनों ही पार्टिया मिल कर आगे बढ़ाएंगी |
सुधीर निगम
रेजिडेंट एडिटर
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