TIL Desk उन्नाव:उन्नाव के शुक्लागंज में पुराना पुल मंगलवार तड़के टूटकर गंगा में गिर गया। चार साल से बंद पुल को पिकनिक स्पॉट बनाने की योजना थी। अचानक पुल के गिरने से हड़कंप मच गया, जिससे बड़ी जनहानि टल गई। चार साल से बंद पुल को कानपुर प्रशासन अपनी तरफ से खोलकर पिकनिक स्पॉट बनाने की कवायद कर रहा था। पुल टूटते ही हड़कंप मच गया।
कानपुर की तरफ से 2, 10, 17 व 22 नम्बर की कोठी में दरारें आयी थीं जिसके कारण पांच अप्रैल 2021 की मध्य रात्रि इसे बंद कराया गया था। लगभग चार साल से पुराने पुल पर यातायात बंद था। कानपुर और उन्नाव जिला प्रशासन ने पुल पर प्रवेश रोकने के लिए अपनी-अपनी तरफ दीवारें खड़ी करवा दी थीं।
आपको बता दें कि उन्नाव-कानपुर के लिए लाइफलाइन कहा जाने वाला ये डबल स्टोरी पुल गंगा नदी पर 159-150 वर्ष पहले बनाया गया था। पुल के ऊपरी हिस्से से हल्के चौपहिया वाहन, बाइक सवारों को गुजरने की व्यवस्था थी। जबकि निचले हिस्से पर पैदल व साइकिल सवार को गुजरने की व्यवस्था थी। कानपुर की तरफ से पुल की कोठी संख्या 10 में बड़ी दरार आई थी जिसके बाद करीब 48 घंटे तक अधिकारी अनजान बने रहे थे।
इस पुल से पहले रोज तकरीबन 30 हजार वाहन गुजरते थे। जुलाई 2022 को कानपुर और उन्नाव के बीच शुक्लागंज में बना पुराना गंगा पुल के पिलर का हिस्सा ढह गया था। शुक्लागंज का पुराना गंगापुल अब और ज्यादा खतरनाक हो चुका था। कानपुर से दसवें नंबर की कोठी का बड़ा हिस्सा भरभरा कर गंगा नदी में गिर पड़ा था। जिसके बाद यह पुल और ज्यादा भयावह हो गया था। आपको बता दें कि लगभग 149 वर्ष पहले अंग्रेजों के शासन में बनवाए गए पुराने गंगापुल की कई कोठियों में बीते साल बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई थी।