TIL Desk लखनऊ:ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) और भगत सिंह अंबेडकर स्टूडेंट्स फोरम (BASF) ने आज राज्यसभा में डॉ. बी.आर. अंबेडकर पर की गई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ संयुक्त प्रदर्शन किया। लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित इस प्रदर्शन के दौरान अमित शाह का पुतला जलाया गया और उनकी टिप्पणी के लिए माफी की मांग की गई।
AISA उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष निखिल ने कहा, “अमित शाह की टिप्पणी, जिसमें अंबेडकर का नाम बार-बार लेने को ‘फैशन’ बताया गया, यह दिखाता है कि यह सरकार अंबेडकर की समानता और सामाजिक न्याय की दृष्टि के प्रति कितनी अनादरपूर्ण है। अंबेडकर केवल एक नाम नहीं, बल्कि उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने वाले कई पीढ़ियों के लिए एक आंदोलन और प्रेरणा हैं। उनके विरासत का यह अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
BASF लखनऊ यूनिट के अध्यक्ष विराट ने कहा, “अमित शाह की यह टिप्पणी केवल डॉ. अंबेडकर का अपमान नहीं है, बल्कि उन लाखों लोगों का भी अपमान है जो उन्हें न्याय और समानता के प्रेरणास्रोत के रूप में देखते हैं। आज अमित शाह का पुतला जलाना हमारी सामूहिक नाराज़गी का प्रतीक है। हम इस बयान को तुरंत वापस लेने और सार्वजनिक माफी की मांग करते हैं।”
इस प्रदर्शन में छात्रों, कार्यकर्ताओं और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सभी ने एकजुट होकर जवाबदेही की मांग की। AISA और BASF के नेताओं ने यह भी घोषणा की कि वे अंबेडकर की विरासत को कमजोर करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे।
दोनों संगठनों ने उत्तर प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में जागरूकता अभियानों और प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बनाई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकार के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के प्रयासों के खिलाफ छात्रों की आवाज बुलंद हो।
“जब तक अंबेडकर की विरासत का सम्मान और संरक्षण नहीं किया जाता, हम चुप नहीं बैठेंगे। यह आंदोलन बस शुरुआत है,” निखिल और विराट ने संयुक्त बयान में कहा।