TIL Desk लखनऊ:रहमान खेड़ा में बाघ में वन कर्मियों की आंखों के सामने से पिंजरे के बाहर बने भैंस के पडवे को शिकार कर लिया । बाघ की निगरानी वह रेस्क्यू में लगे कानपुर प्राणी उद्यान की वेटनरी डॉ.नासिर वह सहित पूरी टीम देखती रही। तमाम तैयारी व तामझाम के बावजूद वाच टावर के पास ही लगे पिंजरे में बंधे पडवे का बाघ ने शिकार कर लिया । वन कर्मियों की मौजूदगी पर सवाल खड़े हो गये | शिकार करने के बाद बाघ शव जंगल में खींच ले गया |
बाघ पिछले दो दिनों से लगातार शिकार कर रहा है। शनिवार की रात मीठेनगर मार्ग पर पुलिया के नीचे सांड को मार डाला था। सोमवार को दिन में उलरापुर गांव के निकट राज्य कृषि संस्थान, हर्बल अशोक वाटिका के पास फार्म में काम कर रहे श्रमिक रामखेलावन, संजय यादव और सुजीत को बाघ दिखा। बाघ देखते ही सभी लोग मौके भाग गए | स्थानीय निवासियों ने बाघ की चहलकदमी करते हुए वीडियो भी बनाई। वाटिका में बाघ के पगचिह्न भी मिले। बाघ की दहाड़ के हिसाब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाकी मूवमेंट जंगल के अंदर ही बनी हुई है।
दहशत से घिरे ग्रामीणों आक्रोश है कि आम नागरिकों को आसानी से चहल कदमी करते हुए दिख रहा बाघ आखिर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को नजर क्यों नहीं आ रहा। बाघ की गतिविधियों की सूचना वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों मौके पर पहुँचकर जांच की खाना पूर्ति करते दिखाई दिए।
डीएफओ डॉक्टर सीतांशु पांडे ने बताया कि वन विभाग व भारतीय वन्यजीव की टीम में क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है। कंट्रोल रूम को संस्थान में जंगल के एंट्रेंस पॉइंट के पास शिफ्ट कर दिया गया है। बाघ के सफल सुरक्षित रेस्क्यू के लिए दो वेटरनरी डॉक्टरों की टीम सहित भारतीय वन्य जीव टीम के सदस्य व वन विभाग की टीम रेंज के अधिकारियों की कर्मचारियों की टीम क्षेत्र में लगातार निगरानी कर रही है |