नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है जिस पर आज सुनवाई होनी है. खान पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के जामिया नगर में पुलिस टीम पर हमले का नेतृत्व करने और कोर्ट से घोषित अपराधी को फरार करवाने में मदद की थी. इसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
दिल्ली के ओखला से आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान तीन दिन से फरार हैं. सोमवार को दर्ज एफआईआर के बाद से वे पुलिस के सामने नहीं आए हैं. दिल्ली पुलिस की कई टीमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में उनकी तलाश कर रही हैं.
भगोड़े आरोपी के मामले में हुआ था ये खुलासा
दिल्ली के जामिया नगर में पुलिस टीम पर हमले का कथित तौर पर नेतृत्व करने के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. कोर्ट ने जिस आरोपी शावेज़ खान को PO (भगोड़ा) घोषित किया हुआ है विधायक अमानतुल्ला खान उसको बचा रहे थे. वहीं अमानतुल्लाह खान ने कल दावा किया कि क्राइम ब्रांच की टीम ने रेड के दौरान जिस शावेज़ को पकड़ा था वो जमानत पर था और उसने जमानत के कागजात दिखाए थे.
जबकि कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक शावेज़ खान को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया हुआ है. इसी शावेज़ खान को जामिया इलाके में क्राइम ब्रांच की टीम ने पकड़ा था तब अमानतुल्लाह और उनके कुछ समर्थकों ने क्राइम ब्रांच की टीम पर हमला किया और आरोप को पुलिस के कब्जे से छुड़वा कर फरार करवा दिया.
अमानतुल्लाह का दावा
वहीं अमानतुल्लाह ने पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर खुद को फंसाए जाने का आरोप लगाया है, लेकिन पुलिस ने इस दावे को खारिज कर दिया है. उनके घर पर दो बार नोटिस चस्पा किया गया है. पुलिस ने उन पर अपराधियों को भगाने, सरकारी काम में बाधा डालने और माहौल बिगाड़ने के आरोप लगाए हैं.
अमानतुल्लाह खान ने 12 फरवरी को लिखे पत्र में कहा, "दिल्ली पुलिस के कुछ लोग मुझे झूठे मामले में फंसा रहे हैं. जिस व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार करने आई थी, वो जमानत पर है. पुलिस अपनी गलती छिपाने के लिए मुझे झूठे मामले में फंसा रही है." उन्होंने कहा कि उन्हें सोमवार को उनके इलाके में लगे कुछ अस्थायी पंपों के खराब होने की सूचना मिली थी. इसका जायजा लेने वे मौके पर पहुंचे थे.
आप' विधायक का दावा है कि उस व्यक्ति को 2018 में साकेत कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी. इसके बावजूद सादे कपड़ों में मौजूद लोग, जो खुद को पुलिस बता रहे थे, उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे थे. लोगों को धमका रहे थे. उन लोगों ने अपनी पहचान बताने से इनकार कर दिया और उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी. इसके बाद उस व्यक्ति ने उन्हें कोर्ट का आदेश दिखाया, तो वे चले गए.