बेतिया
बिहार के पूर्व मंत्री खुर्शीद आलम ने अनोखे अंदाज में जनता की अदालत का सामना किया। रविवार को सिकटा विधानसभा क्षेत्र में एक सम्मान समारोह में उन्होंने खुद के लिए चप्पलों की माला लेकर पहुंचकर सबको चौंका दिया। पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर जनता उनके काम से संतुष्ट नहीं है तो उन्हें सिक्कों से नहीं, चप्पलों से तौला जाए। हालांकि, बाद में समर्थकों ने उन्हें एक क्विंटल सात किलो सिक्कों से तौलकर सम्मानित किया। खुर्शीद आलम, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं, अपने अनोखे अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं।
जब पूर्व मंत्री जूते-चप्पल की माला लिए पहुंचे
बेतिया के सिकटा विधानसभा क्षेत्र में एक अनोखा वाकया हुआ। जेडीयू के पूर्व विधायक और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहे खुर्शीद आलम बैशाखवा के एक स्कूल में आयोजित सम्मान समारोह में पहुंचे। आलम यहां बाइक रैली के साथ पहुंचे थे। लेकिन मंच पर चढ़ते ही सबकी नजर उनके हाथ में पकड़ी चप्पलों की माला पर गयी। यह देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए।
काम नहीं किया तो जूते की माला पहना दो- मंत्री
मंच से जनता को संबोधित करते हुए आलम ने कहा कि उन्होंने पांच साल विधायक और पांच साल मंत्री के रूप में क्षेत्र की सेवा की है। उन्होंने कहा कि वो क्षेत्र में पांच साल एमएलए रहे, 5 साल मंत्री भी रहे। 10 साल में उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए कई काम किए हैं। अगर जनता को लगता है कि उन्होंने काम नहीं किया है तो उन्हें सम्मानित करने की बजाय जूते चप्पलों की माला पहना दें।
देखिए विधायक खुर्शीद आलम का वो वीडियो
आलम ने अपने पैसों से बनवाए हैं 64 मंदिर
इस अनोखे अंदाज के बावजूद, समारोह में मौजूद लोगों ने आलम को सिक्कों से तौलकर सम्मानित किया। उन्हें एक क्विंटल सात किलो सिक्के भेंट किए गए। आलम अपने इसी तरह के अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं। वे अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। कभी 'जय श्री राम' बोलकर, तो कभी अपने क्षेत्र में मंदिरों का निर्माण करवाकर वे सुर्खियों में रहते हैं। बताया जाता है कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में निजी खर्च से 64 छोटे-बड़े मंदिर बनवाए हैं।