नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा सत्र का आज दूसरा दिन है। आज का सत्र हंगामेदार होने की पूरी संभावना है। सूत्रों के मुताबिक आज CAG की 14 रिपोर्ट में से सिर्फ एक ही रिपोर्ट ही पेश की जाएगी, जिसमें शराब घोटाला प्रमुख है। उसके बाद हो सकता है कि दूसरे दिन डीटीसी बसों को लेकर कैग की दूसरी रिपोर्ट पेश की जाए। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) पर सीएजी की रिपोर्ट में वित्तीय घाटे का गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि 2015-16 से 2021-22 तक, डीटीसी का संचयी घाटा 25,300 करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 60,750 करोड़ रुपये हो गया। इसका प्रमुख कारण पुराना बेड़ा था, 45% बसें पुरानी हो चुकी थीं और उनके खराब होने का खतरा था, जिसके परिणामस्वरूप बेड़े का उपयोग कम हो रहा था।
सूत्रों के अनुसार यह रिपोर्ट्स होंगी पेश
1. मार्च 2021 को खत्म हुए साल के लिए राज्य वित्त ऑडिट रिपोर्ट
2. 31 मार्च 2020 और 2021 को खत्म हुए साल के लिए राजस्व, आर्थिक, सामाजिक और सामान्य क्षेत्र और सार्वजनिक उपक्रम रिपोर्ट
3. 31 मार्च 2021 को खत्म हुए साल के लिए दिल्ली में वाहन वायु प्रदूषण की रोकथाम और मिटिगेशन परफॉर्मेंस ऑडिट रिपोर्ट
4. 31 मार्च 2021 को खत्म हुए साल के लिए देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों की परफॉर्मेंस ऑडिट रिपोर्ट
5. मार्च 2022 को खत्म हुए साल के लिए राज्य वित्त ऑडिट रिपोर्ट
6. दिल्ली में शराब आपूर्ति पर परफॉर्मेंस ऑडिट रिपोर्ट
7. मार्च 2023 को खत्म हुए साल के लिए राज्य वित्त ऑडिट रिपोर्ट
8. सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर परफॉर्मेंस ऑडिट रिपोर्ट
9. दिल्ली परिवहन निगम के कामकाज पर सीएजी की परफॉर्मेंस ऑडिट रिपोर्ट
10. 31 मार्च 2022 के लिए सीएजी की परफॉर्मेंस ऑडिट रिपोर्ट
सूत्रों ने बताया कि कुल 14 रिपोर्टों में से 4 रिपोर्ट फाइनेंस अकाउंट और अप्रोप्रीएशन (स्वायत्तीकरण) अकाउंट हैं, जिन्हें दिल्ली सरकार के लेखा नियंत्रक ने 2021-22 और 2022-23 के लिए तैयार किया है। इससे पहले, दिसंबर 2024 में, दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने विधानसभा के समक्ष सीएजी रिपोर्ट पेश करने में विफल रहने के लिए पूर्व सीएम आतिशी की निंदा की थी, जिसके कारण उन्होंने 19-20 दिसंबर को एक विशेष सत्र भी बुलाया था।
पूर्व सीएम आतिशी को लिखे पत्र में, सक्सेना ने विधायिका के सामने वैधानिक ऑडिट रिपोर्ट पेश करने के सरकार के संवैधानिक कर्तव्य पर जोर दिया था। उन्होंने पूर्व सीएम को याद दिलाया कि ये रिपोर्ट सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। सक्सेना ने बताया था कि लगातार याद दिलाने के बावजूद, सीएजी रिपोर्ट को दो साल तक रोककर रखा गया। उन्होंने इन रिपोर्टों को पेश करने में सरकार की विफलता को 'जानबूझकर की गई चूक' बताया और पारदर्शिता की कमी के लिए प्रशासन की आलोचना की।
सीएम रेखा गुप्ता ने पिछली सरकार पर लोगों की मेहनत की कमाई का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है और कहा है कि उन्हें एक-एक पाई का हिसाब देना होगा। गुप्ता ने कहा, 'हम दिल्ली से किए अपने वादों पर खरे उतरेंगे और उन्हें पूरा किया जाएगा।' सीएम गुप्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'सबसे अहम बात आने वाली है। हमने कहा था कि हमें पहले सत्र में सीएजी रिपोर्ट सदन के पटल पर रखनी चाहिए। यह लोगों की मेहनत की कमाई है जिसका पिछली सरकार ने दुरुपयोग किया। उन्हें लोगों के सामने एक-एक पाई का हिसाब देना होगा।'