Madhya Pradesh, State

फीडर सोलेराइजेशन समिट में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री शुक्ला हुए शामिल

भोपाल

रिन्युएवल एनर्जी से कुल बिजली खपत की आवश्यकता की 50 फीसदी को पूरा करने के लिये हम संकल्पबद्ध हैं। इस लक्ष्य को हम शीघ्र प्राप्त करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में प्रयास जारी हैं। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने जीआईएस-2025 के फीडर सोलेराइजेशन समिट को संबोधित करते हुए यह बात कही। मध्यप्रदेश के भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सोमवार को माननीय नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री शुक्ला ने एक सोलर वैन को सौर ऊर्जा के प्रचार-प्रसार के लिये रवाना किया। यह सोलर वैन पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और पीएम कुसुम योजना के तहत जन-जागरूकता अभियान का हिस्सा है।

ऊर्जा मंत्री शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश में रिन्युएवल एनर्जी के क्षेत्र में असीम संभावनाएँ हैं। उन्होंने निवेशकों से कहा कि प्रदेश में निवेश के लिये अनुकूल वातावरण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवेश के अनुकूल औद्योगिक नीतियों को लागू किया है। मंत्री शुक्ला ने कहा कि निवेशकों के लिये प्रदेश के दरवाजे हमेशा खुले हैं। निवेशक निश्चिंत होकर मध्यप्रदेश में निवेश करें।

समिट की शुरूआत में मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर अमनवीर सिंह ने पीएम कुसुम योजना पर प्रेजेंटेशन दिया।

.बैंकर्स सेशन में पीएम कुसुम योजना में बैंकर्स की भूमिका पर बैंक अधिकारियों ने विस्तार से जानकारी दी। निवेशकों द्वारा कुसुम योजना के संबंध में पूछे गये सवालों के समाधान कारक उत्तर भी सेशन में दिये गये। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मनु श्रीवास्तव ने कुसुम योजना से जुड़े विभिन्न पक्षों की जानकारी पर निवेशकों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दिया। बैंकर्स ने कुसुम योजना में बैंक द्वारा ऋण देने की प्रक्रिया को समझाया। बैंक से ऋण पर ब्याज की दर और ऋण भुगतान की प्रक्रिया से भी बैंकर्स ने अवगत कराया।

फीडर सोलेराइजेशन समिट में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री शुक्ला की उपस्थिति में कृषि भूमि पर कृषकों द्वारा सोलर प्लांट लगाकर विद्युत उत्पादन से प्राप्त विद्युत को ऊर्जा विकास निगम द्वारा क्रय करने के पॉवर पर्चेज एग्रीमेंट भी हस्ताक्षरित किये गये।

रिन्यूएवल एनर्जी के क्षेत्र में इन्होंने किया निवेश

रिन्यूएवल एनर्जी के क्षेत्र में 2 लाख करोड़ रूपये से अधिक के एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। निवेश करने वाले संस्थानों में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने जैव ईंधन में 60 हजार करोड़, अवादा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने पंप हाइड्रो स्टोरेज में 50 हजार करोड़, टोरेंट पावर लिमिटेड ने पंप हाइड्रो स्टोरेज 26 हजसा 500 करोड़, ओपीजी पॉवर जनरेशन प्राइवेट लिमिटेड ने छोटा मॉड्यूलर रिएक्टर 13 हजार 400 करोड़, एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने सौर ऊर्जा में 10 हजार करोड़, हेक्साट्रॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सौर ऊर्जा में 10 हजार करोड़, ढाकरा एनर्जी पीएसपी प्राइवेट लिमिटेड ने सौर ऊर्जा में 10 हजार करोड़, सिद्धार्थ इंफ्राटेक एंड सर्विसेज (आई) प्राइवेट लिमिटेड ने पंप हाइड्रो स्टोरेज 8 हजार 600 करोड़, आस्था ग्रीन एनर्जी वेंचर्स इंडिया ने पंप हाइड्रो स्टोरेज 8 हजार 200 करोड़, 2 पावर प्राइवेट लिमिटेड ने सौर, पवन, ऊर्जा भंडारण 5 हजार 500 करोड़, मेसर्स फोर स्क्वायर ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने सौर, पवन, ऊर्जा भंडारण में 5 हजार करोड़, ऋत्विक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने पंप हाइड्रो स्टोरेज में 4 हजार करोड़, एनटीपीसी लिमिटेड ने पंप हाइड्रो स्टोरेज में 4 हजार करोड़, टेक डेटा लिमिटेड ने ग्रीन हाइड्रोजन में 3 हजार करोड़, सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने सौर और ऊर्जा भंडारण में 2 हजार 500 करोड़, तीर्थ गोपिकॉन लिमिटेड ने सोलर सेल मॉड्यूल में 1 हजार 500 करोड़, मेसर्स आकांक्षा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने सौर ऊर्जा 1000 करोड़, मेसर्स पुरुषोत्तम प्रोफाइल प्राइवेट लिमिटेड ने सौर ऊर्जा 1000 करोड़, एटवियन आर-सौर ऊर्जा ने सोलर सेल मॉड्यूल में 600 करोड़, श्रीटेक डेटा लिमिटेड ने सौर ऊर्जा में 600 करोड़, लखन आनंद ग्रुप खंडवा ने सौर ऊर्जा में 500 करोड़, विंध्य रिन्यूएबल एसेट्स प्राइवेट लिमिटेड ने सौर और पवन में 250 करोड़, बायोमीथेन गज़टेक प्राइवेट लिमिटेड ने जैव ईंधन में 110 करोड़ और मेसर्स आर्पी ओवरसीज ने जैव ईंधन में 50 करोड़ रूपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किये।

मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा, प्रधानमंत्री कुसुम ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के घटक अ के तहत अब तक सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए  सौर ऊर्जा जनरेटर (एसपीजी) को लगभग 1000Mw के लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) प्रदान किया गया है एवं इसके अंतर्गत स्थापित बिजली संयंत्र से उत्पादित बिजली की बिक्री के लिए सौर ऊर्जा जनरेटर (एसपीजी) और मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के बीच अबतक लगभग 500Mw के विद्युत क्रय अनुबंध (पीपीए) निष्पादित किया गया जिसमें एसपीजी द्वारा लगभग 1750 करोड़ का निवेश सुनिश्चित हुआ है।

 

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