उज्जैन
महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर में शिव भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा कम समय में दर्शन हो, इसलिए चाक-चौबंद व्यवस्थाए की गईं। प्रातः चलित भस्मार्ती में लगभग 20 हजार दर्शनार्थियों ने दर्शन किए। बुधवार रात 10 बजे तक भक्तों का आंकड़ा 4 लाख से अधिक हो गया था। देर रात तक दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला जारी था। महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन हेतु पट गुरुवार 27 फरवरी की शयन आरती तक खुले रहेंगे।महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर इस बार श्रद्धालुओं की संख्या का आंकड़ा 4.52 लाख ही रहा, जो कि पिछले साल की तुलना में 2.83 लाख कम है। दो सालों की बात करें तो हर बार महाशिवरात्रि जैसे बड़े पर्व पर श्रद्धालुओं की संख्या घटती जा रही है।
रंगोली से अर्धनारीश्वर स्वरूप बनाया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में इंदौर के केशव शर्मा और ग्रुप द्वारा मंदिर प्रांगण के शिखर दर्शन पर रंगोली से श्री महाकालेश्वर भगवान अर्धनारीश्वर स्वरूप बनाया गया। इसका मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अवलोकन किया व उनके कार्य की सराहना की।
गर्म मीठे दूध का भोग लगाया
बुधवार शाम को बाबा महाकाल को होलकर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन व सायं पंचामृत पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समय गर्म मीठे दूध का भोग लगाया गया। रात्रि में कोटितीर्थ कुंड के तट पर विराजित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट श्रृंगार (सेहरा) के उपरांत आरती की गई।
भीड़ की कमी के लिए ये दो बड़े तर्क माने जा रहे 1. उत्तरप्रदेश में आयोजित कुंभ में महाशिवरात्रि पर्व पर अंतिम स्नान पर्व के चलते भीड़ वहां के लिए भी डायवर्ट हुई, जिसका असर यहां रहा। 2. सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में महाशिवरात्रि पर ही रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन रखा, यहां भी लाखों की तादाद में श्रद्धालु जाना बताए, इसके चलते भी उज्जैन कम श्रद्धालु पहुंचे। (जैसा कि मंदिर के आईटी सेल प्रभारी गिरीश तिवारी ने तर्क दिया।)
वाहन पार्किंग भी कई जगह खाली
ट्रैफिक पुलिस को हर बार 10 से ज्यादा पार्किंग स्थान पर इंतजाम करना होते हैं और वह भी कम पड़ जाते हैं। इस बार अधिकांश पार्किंग खाली रही। सिर्फ हरिफाटक व कर्कराज पार्किंग भरी लेकिन वे भी पूरी तरह से फुल नहीं हो पा रही थी। कर्कराज पार्किंग की क्षमता 800 से 900 वाहनों की है लेकिन यहां 500 से 600 वाहन के लगभग ही भरते रहे। ट्रैफिक डीएसपी दिलीपसिंह परिहार ने बताया कि ये सही है कि कई पार्किंग खाली रही।
ये दो कारण भी कम श्रद्धालु आने के
1. दर्शन के लिए नृसिंह घाट मार्ग से लंबे जिगजैग का सफर तय करना पड़ा है। करीब दो से ढाई किलोमीटर श्रद्धालु भीड़ में चलने से परेशान हो जाते हैं, खासकर महिलाएं व बच्चे। भीड़ कम हाेने के बावजूद भी बेवजह होल्डअप में लाेगाें काे लंबा चक्कर लगवाया। 2. वीआईपी से कई बार आपाधापी मची। आम लोगों को ज्यादा दिक्कत हुई। वे जद्दोजहद के बाद भगवान की झलक पाने पहुंचते हैं तो कर्मचारी धकेल देते हैं।
वीआईपी के लिए गर्भगृह की देहरी से दर्शन
महाशिवरात्रि पर गर्भगृह की देहरी से वीआईपी के दर्शन कराए जा रहे थे। आम जनता धक्के खा रही थी। वीआईपी के साथ 10-12 लोग गर्भगृह की देहरी के सामने खड़े हो रहे थे। इससे बैरिकेड्स से दर्शन करने वालों को दर्शन में परेशानी आ रही थी। इससे श्रद्धालुओं ने गुस्सा जाहिर किया। वीआईपी के अलावा पंडे-पुजारी भी खड़े हो रहे, इससे श्रद्धालुओं को महाकाल की एक झलक पाना मुश्किल रहा । शाम को एक वीआईपी करीब पांच मिनट तक गर्भगृह की देहरी पर भीड़ के साथ खड़े रहे। नंदी हॉल प्रभारी ने उन्हें हटाया।
रात भर चलेगा महाभिषेक होगा पूजन अर्चन
रात्रि 11 बजे से संपूर्ण रात्रि को श्री महाकालेश्वर का महाभिषेक व पूजन चलेगा। अभिषेक उपरांत भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराए जाकर सप्तधान्य का मुखारविंद धारण कराया जाएगा। इसके बाद सप्तधान्य अर्पित किया जाएगा, जिसमें चावल, खडा मूंग, तिल, मसूर, गेहूं, जव, साल, खड़ा उडद सम्मिलित रहेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा जाएगा। भगवान श्री महाकालेश्वर को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से श्रृंगारित किया जाएगा। भगवान पर न्योछावर नेग स्वरूप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित की जाएगी। श्री महाकालेश्वर भगवान की सेहरा आरती की जाएगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पञ्च मेवा आदि का भोग अर्पित किए जाएंगे। लगभग प्रात 6 बजे सेहरा आरती होगी।
शिव धारण करेंगे सवा मन का पुष्प मुकुट
श्री महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष में एक ही बार भगवान महाकाल को सवा मन का पुष्प मुकुट धारण कराया जाता है और साथ ही महाशिवरात्रि पर्व पर लगातार भगवान शिव के दर्शन दर्शनार्थियों के लिए 44 घंटे गर्भगृह के पट खुले रहते हैं। महाशिवरात्रि पर एक ऐसा अवसर आता है जिस पर श्री महाकालेश्वर भगवान के पट मंगल नहीं होते हैं। इस पर्व पर भगवान महाकाल सवा मन का फूलों से सजा मुकुट (सेहरा) धारण करते हैं।
कल 12 बजे भस्मार्ती, 44 घंटे बाद बंद होंगे पट
सेहरा दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्मार्ती होगी। भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जाएगा। 27 फरवरी को सायं पूजन, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर जी के पट मंगल होंगे।