State, Uttar Pradesh

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए भारतीय रेलवे अभी स्‍पेशल ट्रेनों को बंद नहीं करेगा

प्रयागराज

 प्रयागराज में डेढ़ माह से चल रहा महाकुंभ भले ही खत्‍म हो गया हो लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए भारतीय रेलवे अभी स्‍पेशल ट्रेनों को बंद नहीं करेगा. पूर्व निर्धारित शेड्यूल के अनुसार ये ट्रेनें चलती रहेंगी. संगम स्‍नान को ध्‍यान में रखते रेलवे ने स्‍पेशल प्‍लान बनाया है. वहीं आज स्‍वयं रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव प्रयागराज पहुंचे हैं और भीड़ का जायजा लिया है.

विश्‍व का सबसे बड़ा पर्व महाकुंभ शिवरात्रि को समाप्‍त हो गया है. लेकिन यहां पर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला अभी भी जारी है. आज भी संगम तट तक खासी भीड़ देखी जा रही है. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी आने वाले कुछ दिनों तक इसी तरह श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहेगा. क्‍योंकि तमाम श्रद्धालु महाकुंभ के दौरान भीड़ की वजह से नहीं पहुंच पाए होंगे, वो अब जरूर जाएंगे.

रेलमंत्री पहुंचे प्रयागराज

महाकुंभ के सफल आयोजन में जुटे रेल कर्मियों को आभार व्‍यक्‍त करने के लिए आज रेल मंत्री महाकुंभ पहुंचे. उन्‍होंने बताया कि इस मेले की तैयारी ढाई साल पहले से शुरू कर दी गयी है. श्रद्धालुओं को सुविधाजनक सफर कराने के लिए प्रयागराज में कई फ्लाईओवर और गंगा में पुल समेत कई अन्‍य निर्माण कार्य कराए गए हैं. इस दौरान वहां भीड़ का जायजा लिया.

जानें भारतीय रेलवे का ‘स्‍पेशल प्‍लान’

रेलवे मंत्रालय के डायरेक्टर इनफॉरमेशन एंड पब्लिसिटी शिवाजी मारुति सुतार ने बताया कि महाकुंभ के लिए स्‍पेशल ट्रेनों को एक साथ नहीं बंद किया जाएगा. इसके लिए रेलवे की टीम लगातार मोनिटर कर रही है कि महाकुंभ के बाद प्रयागराज के लिए टिकटों की बिक्री कितनी हो रही है या फिर प्रयागराज की ओर जाने वाली ट्रेनों में सामान्‍य दिनों के मुकाबले अधिक भीड़ है क्‍या, इनका आंकलन करने के बाद ट्रेनों को चलाने और बंद करने का फैसला किया जाएगा. यानी अगर आपने महाकुंभ के दौरान भीड़ और ट्रेन में रिजर्वेशन न मिलने की वजह से स्‍नान नहीं किया है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. विभिन्‍न शहरों से चलाई जा रही स्‍पेशल ट्रेनों से प्रयागराज पहुंचकर स्‍नान कर सकते हैं.

चार गुना अधिक चलाई गयीं ट्रेनें

भारतीय रेलवे ने पिछले महाकुंभ में 4000 ट्रेनें चलाई थीं, वहीं, इस बार रेलवे की प्‍लानिंग 13000 ट्रेनों की चलाने की थी, लेकिन भीड़ को देखते हुए 16000 के करीब ट्रेनें चलाई गयी हैं. इन ट्रेनों से साढ़े चार से पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने सफर किया है.

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