नई दिल्ली
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रवर्तन निदेशालय ने 3,558 करोड़ रुपये के घोटाले के कथित मास्टरमाइंड सुखविंदर सिंह खरूर और डिंपल खरूर को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपित देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन लुक आउट सर्कुलर के चलते उन्हें एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या है घोटाले का मामला?
ईडी के अधिकारियों के अनुसार, यह गिरफ्तारी व्यूनाउ मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत की गई है। गिरफ्तारी के बाद जालंधर की एक अदालत ने दोनों आरोपियों को ईडी की हिरासत में भेज दिया है, ताकि उनसे और जानकारी मिल सके।
क्लाउड पार्टिकल घोटाले का खुलासा
यह घोटाला 'क्लाउड पार्टिकल स्कैम' के नाम से जाना जा रहा है। इस घोटाले में निवेशकों को झूठे 'सेल एंड लीज-बैक' (SLB) मॉडल के जरिए फंसाया गया। ईडी ने इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर शुरू की थी।
ईडी की जांच में यह सामने आया कि सुखविंदर सिंह खरूर ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया। इसके तहत निवेशकों से क्लाउड पार्टिकल टेक्नोलॉजी के नाम पर भारी रकम इकट्ठी की गई, जबकि इसका असली व्यापार या तो था ही नहीं या फिर इसे बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया।
निवेशकों से ठगे गए 3,558 करोड़ रुपये
ईडी के अनुसार, इस फर्जी निवेश योजना के जरिए करीब 3,558 करोड़ रुपये की रकम निवेशकों से ठगी गई। यह रकम बाद में गैर-व्यावसायिक कार्यों में इस्तेमाल की गई। इस पूरी स्कीम में निवेशकों को गुमराह किया गया और उन्हें धोखे में रखा गया।