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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का झुंझुनूं दौरा, विद्यार्थियों से किया संवाद , नारी सशक्तिकरण पर दिया बल

जयपुर,

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मंगलवार को झुंझुनूं दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने जिले के संगासी स्थित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया व विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। उनके साथ उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ भी उपस्थित रहीं। झुंझुनूं एयर स्ट्रिप पर जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत, झुंझुनूं विधायक राजेंद्र भांबू, नवलगढ विधायक विक्रम सिंह जाखल, जिला प्रमुख श्रीमती हर्षिनी कुलहरी, संभागीय आयुक्त श्रीमती पूनम, पुलिस आईजी  अजयपाल लांबा, जिला कलक्टर रामावतार मीणा, पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी, पूर्व विधायक रूपाराम मुरावतिया ने धनखड़ दंपति का स्वागत किया।

सांगासी में कार्यक्रम से पहले विद्यालय में उपराष्ट्रपति ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधारोपण किया, साथ ही आमजन व किसानों से भी अपने खेतों में और घरों में पौधे लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अभिनव पहल है जिसका हमें अनुसरण करना चाहिए। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना के साथ की गई। इस दौरान स्कूली छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में उन्होंने स्कूली विद्यार्थियों को टेबलेट भी वितरित किए।
झुंझुनूं को नारी सशक्तिकरण का प्रतीक बताते हुए उपराष्ट्रपति ने जिले की दो महिलाओं श्रीमती कमला बेनीवाल और श्रीमती सुमित्रा सिंह का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कमला बेनीवाल विधायक, मंत्री और राजस्थान की उप मुख्यमंत्री रही हैं, साथ ही गुजरात की राज्यपाल भी बनीं। वहीं, सुमित्रा सिंह कई बार विधानसभा सदस्य रहीं, मंत्री बनीं और राजस्थान विधानसभा की अध्यक्ष भी बनीं।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम ऐतिहासिक कदम—
उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण मिलेगा। इससे नीति-निर्माण में महिलाओं की अधिक भागीदारी होगी और शासन व्यवस्था सुचारू रूप से चलेगी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब वे सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ गए, तब उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वहां लड़कियां भी पढ़ेंगी। उन्होंने खुशी जाहिर की कि अब झुंझुनू के सैनिक स्कूल में भी लड़कियों का प्रवेश हो चुका है। साथ ही, मथुरा में केवल लड़कियों के लिए एक सैनिक स्कूल स्थापित किया गया है। उन्होंने इस बात पर भी गर्व जताया कि अब लड़कियां लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं और भारतीय सेना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। हमने इंग्लैंड को पीछे छोड़ दिया है और जल्द ही जापान और जर्मनी को भी पीछे छोड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज का भारत वैसा ही है जैसा प्राचीन समय में विश्व गुरु हुआ करता था। उन्होंने व़िद्यार्थियों से कहा कि वे स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें, क्योंकि यदि वे खुद स्वस्थ नहीं रहेंगे तो दूसरों की मदद करने के बजाय खुद को मदद मांगनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि अपनी सोच को सदैव सकारात्मक व ऊंची रखें।

उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के संघर्ष को सराहते हुए कहा कि वे जनजातीय समुदाय से आती हैं, लेकिन अपने कठिन परिश्रम के बल पर विधायक, मंत्री और राज्यपाल बनीं और अब देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हैं। उन्होंने इसे भारतीय लोकतंत्र की सच्ची ताकत बताया।
उपराष्ट्रपति ने बताया कि भारत में आज 12 करोड़ घरों में शौचालय बनाए गए हैं और 55 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुले हैं। उन्होंने कहा कि भारत की इंटरनेट खपत अमेरिका और चीन को मिलाकर भी ज्यादा है। साथ ही, सड़कों का जाल तेजी से फैल रहा है और नई ट्रेनें शुरू की जा रही हैं।

विद्यालय के लिए की चार घोषणाएं
उपराष्ट्रपति ने विद्यालय की प्रगति को लेकर खुशी जताई और प्रिंसिपल की सराहना की। उन्होंने कहा कि विद्यालय का सही दिशा में विकास हो रहा है और इसे और बेहतर बनाने की जरूरत है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि तीन महीने में स्कूल में एक आधुनिक कंप्यूटर लैब शुरू की जाएगी, जिससे विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

विद्यालय में शैक्षणिक संसाधनों में वृद्धि के लिए उन्होंने विद्यार्थियों के लिए एक स्मार्ट बोर्ड लगवाने की बात कही।

उपराष्ट्रपति ने स्कूल के बच्चों को दिल्ली आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे समूहों में छात्रों को दिल्ली बुलाया जाएगा, जहां उनके रहने-खाने की पूरी व्यवस्था की जाएगी। इस दौरान वे संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री संग्रहालय और वॉर मेमोरियल का दौरा कर सकेंगे।

उपराष्ट्रपति ने स्कूली बच्चों को सिलेबस के अलावा भी किताबें पढ़ने का आग्रह किया।  उन्होंने कहा कि स्कूल के पुस्तकालय में उनके द्वारा 1000 पुस्तकें भेजी जाएगी जो आपकी रुचि की होगी, जिनका निश्चित लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा।

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