नई दिल्ली
दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने के लिए भाजपा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला समृद्धि योजना को मंजूरी दे दी। सचिवालय में शनिवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में गरीब महिलाओं को आर्थिक मदद के लिए 5100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया। ऐसे में आपके मन में सवाल होगा कि योजना को मंजूरी मिल गई और पैसों का भी इंतजाम हो गया तो फिर खातों में क्यों नहीं डाले गए हैं?
दरअसल, यह स्कीम दिल्ली की सभी महिलाओं के लिए नहीं है। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में ही साफ कर दिया था कि यह योजना गरीब परिवारों की महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए है। दिल्ली में करीब 72 लाख महिला वोटर्स हैं। सरकार को यह तय करना है कि इनमें से किनको आर्थिक सहायता की आवश्यकता है और किनको नहीं। यानी पहले पहले सरकार को यह तय करना है कि कितनी आमदनी तक वाले परिवारों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। नियम और शर्तों को तय करने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में चार मंत्रियों की एक कमिटी बनाई गई है। सूत्रों की माने तो महिला एवं बाल विकास विभाग ने योजना के तहत जो पात्रता और शर्ते तय की थीं, उन्हें लेकर सरकार सहमत नहीं थी।
नियम और शर्तों को तय करने के अलावा सरकार एक पोर्टल भी बनाएगी जिस पर महिलाओं को रजिस्ट्रेशन कराना है। रजिस्ट्रेशन के बाद जिन आवेदनों को स्वीकार कर लिया जाएगा उनके खाते में पैसे डाले जाएंगे। नियम और शर्तों को तय करने और रजिस्ट्रेशन में 15-20 दिन का समय लग सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले महीने से महिलाओं को महिला समृद्धि योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने बीपीएल कार्डधारक महिलाओं को ही आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। यदि बीपीएल को आधार बनाया जाता है तो करीब 17-18 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिल सकता है।
क्या बोलीं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य दिल्ली की गरीब महिलाओं को हर महीने वित्तीय सहायता देकर उनके सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए एक पोर्टल भी बनाया जाएगा। लाभार्थियों को प्रमाणित करने के लिए आधार आधारित ई-केवाईसी सत्यापन का इस्तेमाल किया जाएगा। सही महिलाओं तक मदद पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक के प्रयोग से यह सुनिश्चित होगा कि वित्तीय सहायता केवल उन लोगों तक पहुंचे, जो पात्र हैं। उन्होंने कहा कि किसी तरह का दुरुपयोग रोकने के लिए मजबूत डिजिटल भुगतान तंत्र लागू किया जाएगा। इससे प्रक्रिया सुरक्षित, परेशानी मुक्त और सभी लाभार्थियों के लिए आसानी से सुलभ होगी।