TIL Desk नई दिल्ली:मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि मो.शमी साहब क्रिकेटर की बेटी होली खेल रही है। इसमें दो कंडीशन हैं। पहली कंडीशन यह है कि वो बच्ची है, ना समझ है, नाबालिग है, उसको शरीयत के नियमों के बारे में नहीं पता है तो उस पर शरीयत कोई हुक्म नहीं देती है। यदि वो बालिग है और वो शरीयत के मिजाज और हुक्म को जानती है कि गैर मुस्लिमों के मजहबी त्योहार को यदि कोई मुसलमान अपनाता है तो फिर यह नाजायज काम होगा। होली गैर मुस्लिमों का मजहबी त्योहार है। इसे यदि कोई मुसलमान जानने के बावजूद अपनाता है तो फिर वो नाजायज होगा और उसका ये काम शरीयत की गिरफ्त में आएगा। यह गुनाह का काम है।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मो.शमी को अपनी ओर से सलाह भी दी है। उन्होंने कहा कि मैं मो.शमी साहब को पहले भी आगाह कर चुका हूं और शरीयत की बता चुका हूं। फिर मैं दोबारा उनको बताना चाहता हूं कि वे अपने परिवार पर ध्यान दें। उनके बच्चे क्या कर रहे हैं?, क्या नहीं कर रहे हैं? कहीं शरीयत के वसूलों का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं? शरीयत के नियमों को मान रहे हैं कि नहीं मान रहे है? यह मुसलमान वालिदैन की जिम्मेदारी है।