लखनऊ डेस्क/ बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की पेरोल पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक बरकरार रखी है। मुख्तार ने यूपी इलेक्शन में प्रचार के लिए पेरोल मांगी थी, लेकिन इस फैसले के बाद वे अब कैंपेन नहीं कर सकेंगे। अंसारी की पेरोल याचिका के खिलाफ चुनाव आयोग ने अपील की थी। जिसके बाद कोर्ट ने अंसारी की पेरोल की याचिका खारिज कर दी है।
बाहुबली विधायक को नई दिल्ली की सीबीआई अदालत ने 15 दिन की पेरोल दी थी। जिसके खिलाफ चुनाव आयोग ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। चुनाव आयोग ने यह आशंका जताई थी कि मुख्तार अंसारी जेल से बाहर आएंगे तो चुनाव प्रचार पर असर पड़ेगा। इसके बाद हाई कोर्ट ने निर्वाचन आयोग की याचिका को ध्यान मे रखते हुए 17 फरवरी को इस आदेश के पालन पर रोक लगा दी थी। साथ ही कोर्ट ने अंसारी को नोटिस भेज कर जवाब मांगा था।
इससे पहले शुक्रवार को हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग, अंसारी और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दलीलें सुनी थीं और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।इसके बाद आज हाई कोट ने अपना फैसला सुनाया है। यूपी सरकार ने भी मुख्तार अंसारी की पेरोल का विरोध किया था। अंसारी पर नवंबर 2005 में कृष्णा नंदन राय की हत्या का आरोप है। अंसारी इस मामले में ट्रायल का सामना कर रहे हैं।
अंसारी ने हाल ही में बीएसपी ज्वाइन की थी। वे मऊ सदर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ रहे हैं। इससे पहले अंसारी भाइयों की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय भी हुआ था। जिसका विरोध खुद अखिलेश यादव ने किया था। सपा में झगड़े के बीच ही अंसारी बंधुओं ने बीएसपी ज्वाइन कर ली थी।