गोरखपुर डेस्क/ बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उनमें यूपी का सीएम बनने के लिए तीन खासियतों की जरूरत है और वो तीनों में फिट हैं। मंगलवार को योगी ने कहा, “सीएम स्टेट की सोशल, इकोनॉमिक और कल्चरल विशेषताएं जानने वाला होना चाहिए। उसकी सोच क्रिएटिव होनी चाहिए और लोगों की सिक्युरिटी के साथ स्टेट को डेवलेप करने का जज्बा होना चाहिए। देशभक्ति और देशविरोधी बहस में योगी ने कहा, ”जो लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, हम उन्हें तोड़ रहे हैं। इस देश में एक और कश्मीर बनने से रोकना होगा। देश बचाने के लिए स्वार्थ छोड़ना होगा।”
कैराना जैसी घटनाओं को रोकना होगा। बीते 15 साल में पश्चिमी यूपी के हालात काफी बिगड़े हैं। अगर हालात नहीं सुधरे तो यहां भी कश्मीर बन जाएगा।”महिला आरक्षण पर बोले, मैं महिला आरक्षण के विरोध में नहीं हूं। महिलाओं को 33 नहीं, 50 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। आरक्षण योग्यता के आधार पर दिया जाना चाहिए। योगी ने कहा, ”यूपी में बिजली सप्लाई हिंदू-मुस्लिम के आधार पर बिजली बांटी जाती है। हम भेदभाव दूर कर विकास की नीति अपनाएंगे।मैं चुनाव में हिंदू-मुस्लिम की बात करके वोट नहीं पाना चाहता।
योगी ने कहा, हिंदू और मुस्लिम के आधार पर हमारी पार्टी टिकट नहीं देती है। बीजेपी ने जिताऊ और टिकाऊ लोगों को टिकट दिया है। पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग में टिकट बंटवारे पर निर्णय लिया गया। ऐसा नहीं है कि जिन्हें टिकट नहीं मिला, सरकार उनके लिए काम नहीं करेगी। हां, हमारी पार्टी ने पेशेवर अपराधियों को टिकट नहीं दिया है। सपा-कांग्रेस का अलायंस बेमेल है। इससे बीजेपी के पक्ष में ही लहर पैदा हुई है। सपा-कांग्रेस और बसपा ने यूपी में कोई विकास नहीं किया है। बीजेपी गोरखपुर की सभी पांच सीटें जीतेगी।
होम मिनिस्टर और बीजेपी के सीनियर लीडर राजनाथ सिंह ने 22 फरवरी को कहा था, यूपी चुनाव में मुसलमानों को टिकट दिया जाना चाहिए था। हमने कई राज्यों में माइनॉरिटी को टिकट दिए हैं, यहां (यूपी) भी इस पर बातचीत हुई ही होगी। मैं वहां नहीं था, मुझे जो बताया गया है, उसके आधार पर कह रहा हूं। हो सकता है, उन्हें (बीजेपी पार्लियामेंट्री कमेटी) को कोई मिला ही न हो। लेकिन मेरा मानना है कि इसके बावजूद उन्हें (मुसलमानों को) टिकट देना चाहिए था |