बठिंडा
पंजाब सरकार ने 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए एनर्जी ड्रिंक पर प्रतिबंध लगा दिया. बठिंडा में एक बैठक के दौरान पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेजों में इस पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी कर दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब, हुक्का बार और ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला राज्य था. अब एनर्जी ड्रिंक पर प्रतिबंध लगाया गया.
स्वास्थ मंत्री ने कहा, "स्कूलों में इन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. डब्ल्यूएचओ के भी निर्देश हैं. ये केंद्रीय कानून हैं. इस संबंध में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर बात की है. उनसे कहा है कि कॉलेजों में भी इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए. इन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगना चाहिए. हर चीज कानून से नहीं होती, हमने अभिभावकों और शिक्षकों से भी कहा है कि आप इन्हें घरों और स्कूलों में न रखें. ये बहुत खतरनाक हैं और कई बीमारियों को आमंत्रित करते हैं."
बठिंडा में पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बीच उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा ड्रग्स के खिलाफ युद्ध अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई की जा रही है. नशे की लत से पीड़ित बच्चों को नशे की लत से मुक्त कराने के लिए एक नई नीति विकसित की है. नशीली दवाओं का उपयोग करने वाले बच्चों को जेल नहीं भेजा जाएगा, बल्कि उन्हें नशीली दवाओं के पुनर्वास केंद्रों में भेजे जाएंगे.
बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब में नशे को खत्म करने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है. जिसके लिए बुद्धिजीवियों से भी संपर्क किया जा रहा है ताकि नशे के प्रभाव को कम करने के लिए उनका सहयोग लिया जा सके. उन्होंने कहा कि पंजाब में नशीली दवाओं का दुरुपयोग पहले की तुलना में कम हुई है. सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया, जहां मुझे पता चला कि पहले की तुलना में अब ड्रोन कम आ रहे हैं, क्योंकि पुलिस सख्त है. ड्रोन से ड्रग्स गिराते हैं लेकिन कोई भी उन्हें लेने नहीं आता.