लखनऊ डेस्क/ यूपी विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक 325 जीतने के बाद बीजेपी नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा, जो सीटें हम जीतकर आए हैं, वो पीएम नरेंद्र मोदी की विकासवादी सोच की वजह से हुआ है। मायावती और अखिलेश यादव का भेद खुल गया है। वो दोनो ज्वॉइंटपीसी भी करें तो बड़ी बात नहीं है। मायावती सीखेंगी-सुधरेंगी तो ठीक है, वरना बोरिया-बिस्तर बंधवाकर कर यूपी से बाहर भिजवा दूंगा। मायावती की दुकान बंद होने वाली है। थोड़ा वक्त बीतने दीजिए, मायावती को राजनीति सिखा दूंगा।
थोड़ा वक्त बीतने दीजिए, मायावती को राजनीति सिखा दूंगा। उन्होंने हमेशा से दलितों के नाम पर दुकान खोलकर टिकट बेचा है। अब उनकी दुकान बंद होने की शुरुआत है। मायावती इस हार को पचा नहीं पा रही हैं, वो बौखला गई हैं। मिसगाइड उसे किया जा सकता है जिसको रास्ते पर चलने की तमीज हो, वो मूर्ख हैं, उनको समझाने का मतलब हाथी का उपदेश देना, वो किसी की सुनती नहीं हैं। उनकी इसी बेवकूफी और लालच का फायदा उनके पास रहने वाले मैनेजर उठाते हैं। पीएम मोदी की विकास की आंधी में बसपा के सारे गाइड भी गायब हो गए।
जिस तरह से गरीबों के सपनों को बेचा है, उससे गरीबों की हाय लगी है। राजनीति करने के लिए जनता का दुख-दर्द समझना पड़ता है। गांव-गांव जाकर उनकी समस्या सुननी पड़ती है, काम करना पड़ता है। मायावती जिसको टिकट बेचती हैं वो सरकार में आने के बाद वसूली करते हैं, क्योंकि जितना दिया है उतना निकालना भी तो है। ऐसे में कैसे और कब तक जनता उनका साथ देगी। ईवीएम नहीं, मायावती का दिमाग खराब हो गया है। उनको अपना रुपयों के बल पर बनाया गया झूठा किला टूटता दिख रहा है। इसमें आपको संकेत मिल गया सपा-बसपा के एक होने का जल्दी ही बुआ भतीजा ज्वाइंट पीसी भी करेंगे।
मायावती का पाला अभी तक किसी नेता से नहीं पड़ा था, उनका टिकट खरीदकर चुनाव लड़ने वाला बिल्डर नहीं। मैं उनको राजनीति सिखा दूंगा। सीखेंगी-सुधरेंगी तो ठीक वरना, उनका बोरिया बिस्तर बंधवाकर यूपी से बाहर करवा दूंगा। मेरे बसपा को छोड़ते ही बसपा तीसरे नम्बर पर आ गई थी। चुनावों में हार तो एक प्रक्रिया थी, जिसने मुहर लगा दी उनकी हार पर। वो पहले ही हार चुकी थीं। मायावती जैसी ठग सिर्फ पार्टी बनाकर गरीब दलित वोटरों को सपने दिखाकर उनका सौदा कर सकती हैं। उनको सही मायने में विकास से जोड़कर नई दिशा देने का काम मोदी ही कर रहे हैं।