करनाल / नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल समेत 26 निहत्थे पर्यटकों की बर्बरता से बत्या कर दी गई। इस आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों ने मृतकों को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। आज हरियाणा के करनाल में मीडिया से बात करते हुए लेफ्टिनेंट विनय की पत्नी हिमांशी नरवाल ने शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों या कश्मीरियों के खिलाफ व्यवहार करें। बकौल हिमांशी, बेशक, हम न्याय चाहते हैं, लेकिन उन्हें शांति और केवल शांति चाहिए।'
कब और कहां हुई आतंकी वारदात, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री क्या बोले
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि 26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को 'हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा' हमला बताया। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की यात्रा पर हैं। इसी समय जम्मू-कश्मीर में पर्यटन और ट्रैकिंग का मौसम जोर पकड़ रहा है।
74 महीने बाद आतंकी हमले से दहली घाटी
2019 की फरवरी में जम्मू-कश्मीर के ही पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला पहलगाम में हुआ है। पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन चीड़ के पेड़ों के घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है तथा देश व दुनिया के पर्यटकों के बीच पसंदीदा स्थान है।
आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी
पहलगाम हमले के संबंध में अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी 'मिनी स्विट्जरलैंड' में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, खच्चर की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।