नूंह
गांव खोरी खुर्द स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में ड्यूटी के दौरान जेबीटी शिक्षक जयपाल ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने मरने से पहले आठ पेज का सुसाइड नोट लिखा, जिसमें स्कूल के साथी शिक्षकों और स्टाफ पर प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का गंभीर आरोप लगाया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार माजरा (रेवाड़ी) निवासी जयपाल, पुत्र ताराचंद, खोरी खुर्द स्कूल में जेबीटी शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। स्कूल परिसर में पेड़ काटने और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर उनके और अन्य शिक्षकों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे। शनिवार दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि जयपाल ने स्कूल में जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर उन्हें शहर तावडू के एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
शिक्षक ने सुसाइड नोट में किया प्रताड़ना का जिक्र
शिक्षक जयपाल ने अपने सुसाइड नोट में स्कूल में व्याप्त अनियमितताओं को सुधारने की कोशिश करने पर बार-बार प्रताड़ित किए जाने का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि हर बार उन्हें स्कूल से हटाकर दूसरे स्कूल में भेज दिया जाता था। पेड़ काटने के मुद्दे पर भी उन्होंने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एक शिक्षक पर झूठे आरोपों में फंसाने की दी थी धमकी
सुसाइड नोट में जयपाल ने बताया कि शिकायत की जांच के लिए आए एक शिक्षक ने उन्हें धमकाया, जबकि स्कूल स्टाफ ने गाली-गलौज और मारपीट की। विरोध करने पर वीडियो बनाने की धमकी दी गई। जयपाल ने सुसाइड नोट में विद्यालय के सीआरसी हेड जितेंद्र दलाल, प्रिंसिपल सुमन शर्मा, महेंद्र शर्मा पीटीआई और जांच टीम के रमेश गेरा का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि इन्होंने झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी दी और उनका दुष्प्रचार किया। इन सबके चलते उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा।
पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस ने बताया कि सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों की गहनता से जांच की जा रही है और दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी।