रांची
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के अधिवक्ताओं के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की बीते शनिवार को शुरुआत की। इस योजना के तहत सामान्य बीमारियों के लिए 5 लाख रुपये तक और गंभीर मामलों के लिए 10 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज मिल सकता है।
अधिवक्ताओं के साथ -साथ परिजन लाभ भी ले सकेंगे। अब तक 14,937 अधिवक्ताओं ने इस योजना के लिए पंजीकरण कराया है, जिसमें उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। सोरेन ने योजना की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘सरकार राज्य के हर नागरिक के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। अधिवक्ताओं के लिए यह योजना ऐसी ही एक पहल है।''
झारखंड देश के पिछड़े राज्यों में से एक है
सोरेन ने बताया, ‘‘हमारे आलोचक कहते हैं कि हम वोट बैंक के लिए काम करते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि अगर हम काम करेंगे तो लोग स्वाभाविक रूप से हमसे जुड़ेंगे। हम अपने काम के आधार पर लोगों के पास वोट मांगने जाते हैं। यही कारण है कि इस बार लोगों ने हमें पिछले कार्यकाल के मुकाबले ज्यादा ताकत और आशीर्वाद दिया है।'' सोरेन ने कहा कि झारखंड देश के पिछड़े राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे मुझे दुख होता है। हम इस कलंक से छुटकारा पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।'
बता दें कि अधिवक्ताओं के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है। राज्य कर्मियों के लिए 1 मार्च से लागू स्वास्थ्य बीमा योजना की तरह इस योजना के तहत बार काउंसिल में निबंधित अधिवक्ताओं एवं उनके आश्रितों को सामान्य बीमारी की स्थिति में 5 लाख एवं गंभीर बीमारी की स्थिति में 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सूचीबद्ध अस्पतालों में होगा।