चंडीगढ़
एक महिला ट्रेन रुकवाने के लिए गिड़गिड़ाती, रोती, बिलखती रही लेकिन ट्रेन में सवार टी.टी. को तरस नहीं आया और सुबह उसके पति का शव रेलवे ट्रैक पर मिला। रांची निवासी बद्दो कुमारी अपने पति धर्मेंद्र व 3 बेटों शिवम, सत्यम, सूरज के साथ बस द्वारा चंडीगढ़ से अम्बाला आई थी। उन्होंने अम्बाला से रांची के लिए ट्रेन पकड़नी थी। अम्बाला पहुंचने पर उन्होंने रांची के लिए मूरी एक्सप्रैस ट्रेन पकड़ी जो लगभग 2.50 बजे अम्बाला कैंट से चली।
बद्दो कुमारी ने बताया कि जब ट्रेन 4-5 किलोमीटर आगे निकल गई तभी उसका पति अचानक ट्रेन से गिर गया जिस पर उसने शोर मचाया। ट्रेन में 3-3 टी.टी.ई. व रेलवे कर्मचारी मौजूद थे जिन्हें सारी बात बताई गई लेकिन उन्होंने ट्रेन रुकवाना जरूरी नहीं समझा। बद्दो अपने बच्चों के साथ रोती, बिलखती शाहाबाद रेलवे स्टेशन पर उतरी जहां पर उन्होंने स्टेशन मास्टर रणबीर को सारी बात बताई।
वहीं स्टेशन मास्टर रणबीर ने अम्बाला तथा अन्य जगहों पर फोन से सम्पर्क करके इसकी सूचना दी। काफी प्रयासों के बाद सुबह के समय गांव मच्छौंडा अम्बाला रेलवे ट्रैक पर बद्दो के पति धर्मेंद्र का शव बरामद हुआ। इस सारे प्रकरण में जहां रेलवे के टी.टी. व अधिकारी लापरवाह दिखाई दिए वहीं शाहाबाद स्टेशन मास्टर रणबीर व हैल्पर्स के प्रधान तिलकराज अग्रवाल के प्रयास सराहनीय रहे।