चंडीगढ़
पाकिस्तान के साथ बनते जंग के माहौल के बीच पंजाब सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने 'फरिश्ते योजना' का विसतार किया है। इसके मुताबिक जंग या आतंकी हमले में घायल होने वाले लोगों का अस्पताल में मुफ्त इलाज होगा। मुख्यमंत्री ऑफिस के प्रवक्ता के मुताबिक जंग या आतंकी हमले में घायलों को तुरंत इलाज मुहैया कराया जाएगा। फरिश्ते स्कीम के तहत सरकार के पैनल में आने वाले प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज होगा।
पंजाब सरकार ने साल 2024 में फरिश्ते योजना को लॉन्च किया था, अब इसे विस्तार दिया गया है। पाकिस्तान की ओर से बॉर्डर एरिया में लगातार किए जा रहे हमले के बीच यह योजना आम लोगों के लिए बड़े काम की साबित हो सकती है। सरकार का कहना है कि इस मुश्किल समय में इस फैसले से आम लोगों को राहत मिलेगी। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है कि हमलों में घायल लोगों की जान बचाई जा सके और उन्हें तुरंत इलाज मिल सके। पंजाब सरकार के सभी सरकारी अस्पतालों और पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों में बिना किसी झंझट के मुफ्त इलाज मिलेगा।
मदद करने वालों को भी इनाम
फरिश्ते योजना के तहत घायलों की मदद करने वाले लोगों को नकद इनाम के साथ प्रशंसा पत्र दिया जाएगा। इस प्रशंसा पत्र में उन्हें जान बचाने वाले 'फरिश्ते' कहकर संबोधित किया जाएगा। इसके अलावा घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने वाले लोगों से पुलिस किसी तरह की पूछताछ नहीं करेगी। उन्हें इन सब चीजों से घबराने की जरूरत नहीं है।
किन-किन असपतालों में होगा इलाज
फरिश्ते स्कीम के तहत पंजाब सरकार ने सभी बड़ी सड़कों के 25 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी सरकारी व पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों की लिस्ट तैयार कर ली है। पंजाब में इस योजना से जुडे़ सभी अस्पतालों की लिस्ट जिलावार आपको ऑनलाइन मिल जाएगी। अधिकारियों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई हैं और उन्हें अपने मोबाइल हर टाइम अलर्ट पर रखने को कहा गया है।
क्या है फरिश्ते योजना
पंजाब सरकार ने 26 जनवरी, 2024 को सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों की जान बचाने के उद्देश्य से 'फरिश्ते स्कीम' को लॉन्च किया था। इस योजना के तहत एक्सीडेंट में घायल किसी भी व्यक्ति का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में भी मुफ्त होगा। हालांकि इलाज सिर्फ उन्हीं अस्पतालों में होगा, जो इस योजना से जुड़े हुए हैं। फरिश्ते योजना के अंतर्गत शुरुआत में सड़क दुर्घटना के घायल किसी भी व्यक्ति को शुरुआती 48 घंटे तक मुफ्त इलाज मिलने की बात थी। लेकिन बाद में इसमें संशोधन कर दिया गया और अस्पतालों में पूरा इलाज कराने की सुविधा दी गई। अब पाकिस्तान के साथ बने माहौल के बीच इस योजना में जंग और आतंकी हमले में घायलों के इलाज को भी शामिल कर दिया गया है।