India

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया ये बड़ा बयान, भारत के पास पर्याप्त गोला-बारूद

नई दिल्ली
 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने  सर्वदलीय बैठक में बताया कि भारत के पास पर्याप्त गोला-बारूद है। रक्षा मंत्री ने कहा कि देश के पास पर्याप्त गोला-बारूद है। सरकारी कंपनियों ने गोला बारूद का उत्पादन बढ़ा दिया है और वे इसे और भी बढ़ा सकती हैं। सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर भी इसमें बड़ा योगदान दे रहा है। भारत का रक्षा क्षेत्र अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार ने पिछले साल ही 1.45 लाख करोड़ रुपये की बड़ी सैन्य खरीद परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। इसका मकसद देश में ही रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना है। इस वजह से, कई सरकारी रक्षा कंपनियां (PSU) गोला बारूद का उत्पादन कर रही हैं।

बोफोर्स के गोले बहुत महंगे खरीदे गए थे

आज देश में ही गोला-बारूद बनाया जा रहा है, लेकिन करगिल युद्ध के दौरान जब गोला-बारूद कम पड़ने लगे तो उस समय की सरकार को कई दूसरे देशों से महंगे गोला-बारूद खरीदने पड़े थे। यह भी कहा जाता है कि उस दौरान कुछ मित्र देशों ने भी गोला-बारूद देने के लिए भारत सरकार तय कीमत से कहीं ज्यादा पैसे लिए थे।

तैयारी बहुत पहले से ही थी

सरकार देश में ही उत्पादन को बढ़ावा दे रही है और रक्षा क्षेत्र को आधुनिक बना रही है। इससे उम्मीद है कि ये PSU कंपनियां आने वाले समय में अच्छा मुनाफा कमाएंगी, साथ ही सुरक्षा के मोर्चे पर देश को मजबूत भी बनाएंगी। आसान लहजा में कहें तो सरकार रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रही है। इससे HAL, BEL, BDL, MDL और GRSE जैसी कंपनियों को फायदा होगा। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग ने पांच ऐसी कंपनियों को चुना है जिनमें विकास की अच्छी संभावना है। ये कंपनियां हैं: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL), मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE)। ये पांचों कंपनियां भारत के लिए पांच तरह के हथियार बना रही हैं बिल्कुल वैसे ही जैसे महर्षि दधीचि की हड्डियों का उपयोग देवराज इंद्र के वज्र, पिनाक धनुष, सारंग धनुष, और गांडीव धनुष बनाने में किया गया था। इन धनुषों और वज्र का इस्तेमाल देवताओं ने असुरों के खिलाफ युद्ध में किया था।

1. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारत की एक बड़ी एयरोस्पेस कंपनी है। HAL के पास FY24 तक 94,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं। मतलब अगले 3.2 सालों तक कंपनी अच्छी कमाई करती रहेगी। HAL को Su-30 MKI विमान के लिए 240 एयरो इंजन का 26,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिलने वाला था। इससे HAL का ऑर्डर बढ़कर 1.2 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। HAL को ALH (25), LUH (12), Su-30 (12), और RD-33 इंजन (80) के भी ऑर्डर मिलने वाले थे।

2. मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड

रिपोर्ट के मुताबिक मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) के पास तीनों शिपयार्ड में सबसे ज्यादा ऑर्डर हैं। 14 अगस्त 2024 तक MDL के पास 40,400 करोड़ रुपये के ऑर्डर थे। इसमें P17A स्टील्थ फ्रिगेट और P15B डिस्ट्रॉयर के बड़े ऑर्डर शामिल हैं। अगले दो सालों में MDL सात जहाजों की डिलीवरी करने वाला है। सरकार नौसेना को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है, जिससे MDL को फायदा होगा। नए खरीद प्रस्तावों से MDL के ऑर्डर और बढ़ सकते हैं।

3. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) के पास अभी 25,230 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं। जून तिमाही में कंपनी को 3,610 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिले। GRSE अभी अपने मौजूदा ऑर्डर को पूरा करने पर ध्यान दे रही है। इसमें अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों के ऑर्डर शामिल हैं। GRSE का काम समय पर चल रहा है। उम्मीद है कि FY26 और FY27 तक कंपनी को अपने ऑर्डर बुक का एक बड़ा हिस्सा मिल जाएगा। इससे GRSE का विकास जारी रहेगा।

4. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) को भी फायदा होगा। सरकार ने हाल ही में एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार खरीदने की मंजूरी दी है। BEL ऐसे रडार बनाने में माहिर है। BEL इलेक्ट्रॉनिक्स और रडार सिस्टम के क्षेत्र में एक बड़ी कंपनी है। यह भारत के रक्षा क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। BEL के पास अच्छे ऑर्डर हैं और यह रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। इसलिए, BEL का विकास जारी रहेगा।

5. भारत डायनेमिक्स लिमिटेड

भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) गोला-बारूद और मिसाइल सिस्टम बनाने वाली एक बड़ी कंपनी है। BDL को फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स (FRCV) प्रोजेक्ट से फायदा होगा। BDL के पास अच्छे ऑर्डर हैं और यह अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। इससे BDL आधुनिक रक्षा सिस्टम की बढ़ती मांग को पूरा कर पाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *