Madhya Pradesh, State

बैंक कर्मचारी रोहित ठाकुर की मौत, इंश्योरेंस कंपनी को 83 लाख मुआवजा राशि देने का आदेश

भोपाल
 एक सड़क हादसे में बैंक कर्मचारी रोहित ठाकुर की मौत हो गई थी। कोर्ट ने इस मामले में मृतक के परिवार को 83 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह हादसा दो साल पहले रातीबढ़ इलाके में हुआ था। रोहित ठाकुर 4 जून 2023 को अपनी बाइक से जा रहे थे, तभी एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को यह मुआवजा राशि देने का आदेश दिया है।

30 हजार महीने कमाते थे रोहित

रोहित ठाकुर एक सरकारी बैंक में काम करते थे। वह हर महीने 30 हजार रुपये कमाते थे। उनके परिवार ने कोर्ट में मुआवजे के लिए अर्जी दी थी। कोर्ट ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सुनाया है। यह घटना रातीबड़ थाने के इलाके में हुई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। जांच में पता चला कि ऑटो चालक की लापरवाही से यह हादसा हुआ।
इसी कमाई से करते थे परिवार का भरण-पोषण

कोर्ट के अनुसार, रोहित ठाकुर एक्सीडेंट से पहले पूरी तरह स्वस्थ थे। वह एक सरकारी बैंक में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। उनकी मासिक आय 30 हजार रुपये थी। वह इस कमाई से अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। उनकी मृत्यु के बाद, परिवार ने मुआवजे के लिए कोर्ट में आवेदन किया।
83 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान

स्वयं प्रकाश दुबे, जो कि 21वें सदस्य हैं और मोटर दुर्घटना अधिकरण के सदस्य हैं, उन्होंने बीमा कंपनी को मृतक के परिवार को 83 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। रोहित ठाकुर 4 जून 2023 को भदभदा से नीलबढ़ की ओर जा रहे थे। भदभदा चौकी से सूरज नगर की ओर जाने वाली सड़क पर, ऑटो क्रमांक MP-04-RB-6065 ने पीछे से रोहित की बाइक को टक्कर मार दी। इस हादसे में रोहित गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल ले जाया गया, जहां अगले दिन उनकी मौत हो गई। रातीबढ़ थाने में इस मामले को मर्ग के रूप में दर्ज किया गया था।
पत्नी और बच्चों पर टूटा दुखों का पहाड़

रोहित के परिवार में उनकी पत्नी और बच्चे हैं। उनकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। परिवार ने कोर्ट से इंसाफ की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने सभी बातों को ध्यान में रखते हुए परिवार को मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को जल्द से जल्द मुआवजा राशि देने का आदेश दिया है। इससे परिवार को कुछ राहत मिलेगी।

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