Madhya Pradesh, State

मध्य प्रदेश का भोपाल जल्द ही महानगर के रूप में पहचाना जाएगा, प्राथमिक मैप भी तैयार

भोपाल
भोपाल (Bhopal) मेट्रोपॉलिटन रीजन (Bhopal Metropolitan Region) का प्राथमिक मैप तैयार कर लिया गया है। भोपाल समेत आसपास के पांच जिलों को मिलाकर 8791 वर्ग किमी का क्षेत्र (Mahanagar) तय किया जा रहा है। हेक्टेयर में ये आठ लाख 79 हजार 109.94 है। भोपाल जिले की आबादी के घनत्व 855 व्यक्ति प्रति हेक्टेयर के अनुसार इसमें 75 लाख की आबादी के लिए जगह तय (Development News) होगी। गौरतलब है कि इसकी डीपीआर के लिए बीडीए ने दस लाख रुपए के शुरुआती बजट के साथ कंसल्टेंट तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी की है। इस माह कंसल्टेंट तय हो जाएगा, इसके 14 माह में डीपीआर बनाना होगी।

इन जिलों के ये क्षेत्र भोपाल मेट्रोपॉलिटन में

रायसेन जिले के रायसेन, औबेदुल्लागंज।

विदिशा जिले के विदिशा, ग्यारसपुर, गुलाबगंज।

सीहोर जिले के सीहोर, इछावर, आष्टा, श्यामपुर, जावर।

राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़, जीरापुर, ब्यावरा, पिछोर, खूजनेर।

भोपाल जिले के हुजूर, बैरसिया, कोलार।

टूरिस्ट सेंटर व सर्किट की प्लानिंग
मेट्रोपॉलिटन रीजन में सेटेलाइट टाउन बनाकर नए आवासीय क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। अतिरिक्त आबादी को इसमें बसाया जाएगा। शहरी क्षेत्र की बजाय रीजन के रूरल एरिया में विशेष आवासीय क्षेत्र बनाकर लोगों को बसाएंगे और कार्यस्थल पर आवाजाही के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर करेंगे। इतना ही नहीं, रीजन में नए टूरिस्ट सेंटर व सर्किट तय किए जाएंगे।

इस तरह होगा विकास का खाका

क्षेत्र विकास के आधार पर योजना

क्षेत्रीय कनेक्टिविटी की योजना

ग्रोथ सेंटर को चिन्हित करना

सेटेलाइट टाउन के लिए क्षेत्र चिन्हित करना

टूरिस्ट सेंटर व सर्किट भी तय होगा
पर्यावरणीय विकास के लिए पूरा मैनेजमेंट तय करना

बेहतर कृषि भूमि का संरक्षण प्लान

कैपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान होगा, जिसमें रोड, प्राकृतिक नाले, जनसुविधाएं व सेवाओं के साथ रीजन के आर्थिक विकास का पूरा मैप रहेगा।

टूरिस्ट सेंटर व सर्किट की प्लानिंग
भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन का प्राथमिक मैप तैयार है। बेहतर प्लान के साथ रीजन तय करेंगे। भोपाल का स्वरूप बदलेगा, विकास की संभावनाएं बढ़ेगी।

– संजीव सिंह, संभागायुक्त व प्रशासक बीडीए

इंदौर में 5 जिलों के 1756 गांव होंगे शामिल

इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में पांच जिले इंदौर, देवास, उज्जैन, धार और शाजापुर को शामिल किया जाएगा। जिसका कुल क्षेत्रफल 9 हजार किलोमीटर का होगा। इसमें भौगोलिक, आर्थिक, धार्मिक-सामाजिक स्थिति का आंकलन किया जाएगा कि कहां कौन सी इंडस्ट्री है, कैसे जरूरतें हैं। इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके बाद रीजनल और इंवेस्टमेंट प्लान बनाया जाएगा।

बता दें कि, इंदौर के पहले चरण के इंस्पेक्शन का काम पूरा हो चुका है। अब इसमें ऑथरिटी के द्वारा यह तय किया जाएगा कि इसमें कौन-कौन से जिले, तहसीलें और गांवों को शामिल किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *