नई दिल्ली डेस्क/ बसपा नेता मायावती ने आज भाजपा को चुनौती दी कि अगर उसे उत्तर प्रदेश में जनता से जनादेश प्राप्त करने का पूरा भरोसा है तो वह राज्य में मतपत्रों का उपयोग करते हुए विधानसभा चुनाव कराए | साथ ही बसपा प्रमुख ने चुनावों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों का उपयोग खत्म करने के लिए एक कानून बनाए जाने की मांग भी की |
मायावती ने राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने कामकाज निलंबित कर इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है | उन्होंने कहा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हुए हैं लेकिन इन चुनावों के नतीजे जनता का जनादेश नहीं बल्कि ‘ईवीएम का जनादेश’ हैं | उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में लोकतंत्र की व्यवस्था है जिसके तहत संसद और विधानसभाओं में वह लोग पहुंचते हैं जिन्हें जनता चुनती है, न कि ऐसे लोग संसद और विधानसभाओं में पहुंचते हैं जिन्हें ईवीएम चुनती है |
बसपा प्रमुख ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तब भाजपा नेताओं ने ईवीएम के उपयोग पर आशंका जाहिर करते हुए कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते | लेकिन आज भाजपा सत्ता में आ गई है तो उसके सुर बदल गए हैं और वह ईवीएम को सही ठहराती है | उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद भाजपा अब ईवीएम को सही ठहरा रही है | उन्होंने कहा कि आज दुनिया के कई बड़े लोकतांत्रिक देशों में मतदान के लिए मतपत्रों का उपयोग किया जाता है और ईवीएम को वहां खारिज किया जा चुका है |
ससंदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जिस व्यवस्था का दुनिया सम्मान कर रही है उस व्यवस्था पर इस तरह अविश्वास जताना उचित नहीं है | कानून एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता | उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जीत हुई, उनसे पहले उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और उनसे पहले मायावती जीती थीं, तब भी मतदान ईवीएम के जरिये ही हुआ था | आज करारी हार होने की वजह से विपक्ष का गुस्सा ईवीएम पर निकल रहा है | प्रसाद ने यह भी कहा कि भारतीय चुनाव आयोग की सराहना पूरी दुनिया में की जा रही है |