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पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की… भारत के दुश्मनों से हाथ मिला रहे हैं ट्रंप, जान लीजिए असली वजह

नई दिल्ली
 अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के दिनों में उन देशों के साथ पींगें बढ़ाई है जिनके साथ भारत के अच्छे रिश्ते नहीं हैं। इनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की शामिल हैं। यह भारत के लिए चिंता का विषय है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान में ट्रंप की दिलचस्पी केवल क्रिप्टो करेंसी के कारोबार तक ही सीमित नहीं है। उनके सहयोगियों ने हाल ही में इस्लामाबाद के साथ उनके परिवार की कंपनी के लिए क्रिप्टो करेंसी का सौदा किया था। अब एक नई बात सामने आई है। डोनाल्ड ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के कॉलेज के दोस्त जेंट्री बीच ने जनवरी में पाकिस्तान का दौरा किया था। इसके बाद वह बांग्लादेश और तुर्की भी गए थे। फिर उन्होंने मार-ए-लागो में ट्रंप सीनियर और उनके करीबी सहयोगियों को पाकिस्तान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान एक अद्भुत जगह है। वहां दुर्लभ खनिज, तेल, गैस और रियल एस्टेट के क्षेत्र में अरबों डॉलर के सौदे किए जा सकते हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जेंट्री बीच की दो बार मेजबानी की। जेंट्री बीच पहली बार जनवरी में पाकिस्तान आए थे। इस दौरान शरीफ ने उनकी मेजबानी की थी। इस दौरान वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री भी शामिल थे। शरीफ दूसरी बार 11 फरवरी को दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट के दौरान जेंट्री बीच से मिले। शरीफ ने कई विदेशी गणमान्य व्यक्तियों और राष्ट्राध्यक्षों के साथ तस्वीरें पोस्ट की थीं। लेकिन जेंट्री बीच उनमें से एक अनजान चेहरा थे। उनकी तस्वीर @PakPMO पर पोस्ट की गई थी।

विवादों से पुराना नाता

जेंट्री बीच ने बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की। यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार हैं। यह मुलाकात पाकिस्तानी पीएम से मिलने के एक दिन बाद (29 जनवरी को) हुई थी। ट्रंप के करीबी सहयोगी जेंट्री बीच ने ढाका को तेल और गैस की खोज, एयरोस्पेस, रक्षा और रियल एस्टेट में भारी FDI लाने का वादा किया। शेख हसीना का तख्तापलट होने के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं।

ट्रंप जूनियर और उनके दोस्त जेंट्री बीच का विवादों से पुराना नाता है। 2018 में द गार्डियन ने लिखा था कि कैसे ट्रंप जूनियर के शिकार के साथी जेंट्री बीच ने डोनाल्ड ट्रंप के 2016 के चुनाव अभियान के लिए लाखों डॉलर जुटाए थे। इससे उन्हें ट्रंप के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंच मिली। उन्होंने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के अधिकारियों पर वेनेजुएला में अमेरिकी प्रतिबंधों को कम करने और वहां अमेरिकी कंपनियों के लिए व्यापार खोलने की योजना बनाने का दबाव डाला।

शहबाज से मुलाकात, अरबों डॉलर का वादा

जेंट्री थॉमस बीच ने इस दौरे में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात की और अरबों डॉलर निवेश का वादा किया.

डॉन न्यूज की 30 जनवरी की रिपोर्ट के अनुसार जेंट्री थॉमस ने तब कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप आर्थिक कूटनीति में विश्वास करते हैं और उनका ये दौरा इसी के तहत हो रहा है. जेंट्री थॉमस ने कहा था, "हम पाकिस्तान में अलग अलग सेक्टर में अरबों डॉलर निवेश करने योजना बना रहे हैं, इनमें खनिज और प्रॉपर्टी सेक्टर शामिल है."

जेंट्री थॉमस ने कहा था कि वे पाकिस्तान में ऐसी लग्जरी इमारतें बनाएंगे जैसी पाकिस्तान में अबतक नहीं बनी है,

सोने की खान पर ट्रंप के करीबी की नजर

एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार इस ट्रिप में जेंट्री थॉमस ने पाकिस्तान की कंपनी एपेक्स एनर्जी से एक डील साइन की थी. इस डील का मकसद था, सिंधु नदी के किनारे मिले 'प्लेसर गोल्ड' के भंडार को खोजना और विकसित करना.

बता दें कि पाकिस्तान में हाल ही में सोना मिलने की खबर आई है. इस सोने की अनुमानित कीमत अरबों डॉलर बताई जा रही है. कुछ महीने पहले, पाकिस्तान की नेशनल इंजिनियरिंग सर्विसेज ने दावा किया था कि उन्होंने अटक में सिंधु नदी के पास 80,000 करोड़ रुपये मूल्य का एक विशाल प्लेसर गोल्ड ब्लॉक पाया है,

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ पाकिस्तान (जीएसपी) की साल 2022-23 की रिपोर्ट के अनुसार देश में कई जगहों पर खनिजों और बहुमूल्य धातुओं की खोज का काम जारी है.

जीएसपी ने पाकिस्तान पंजाब के ज़िला अटक में और ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह के ज़िला मानसहरा में जियोकेमिकल तकनीक से प्लेसर गोल्ड और दूसरी धातुओं की मौजूदगी का पता लगाने की कोशिश की है.

रिपोर्ट के अनुसार अटक में सोने की मौजूदगी का पता लगाने के लिए जियो फिजिकल सर्वे और नमूने जमा किए गए हैं और इन पर काम जारी है. कहा जाता है कि ये सोना लाखों साल पहले हिमालय से बहकर आया है. और सिंधु नदी के तलछटों में है.

इस्लामाबाद के बाद ढाका जेंट्री थॉमस का अगला पड़ाव

30 जनवरी को जेंट्री थॉमस इस्लामाबाद में थे तो 31 जनवरी को उनका चार्टर्ड प्लेन ढाका में था. यहां भी जेंट्री थॉमस ने मोहम्मद यूनुस को ढाका में भारी भरकम निवेश का लालच दिया.

 यूनुस से मुलाकात में जेंट्री थॉमस ने कहा था कि अब समय आ गया है कि इस देश में और अधिक निवेश आए. हम यहां आकर उत्साहित हैं, उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी रियल एस्टेट, खासकर कम लागत वाले सामाजिक आवास, एयरोस्पेस और रक्षा में निवेश करने में भी रुचि रखती है. जेंट्री थॉमस को बांग्लादेश में सोना तो नहीं मिला लेकिन यहां पर वो जिस डील पर विचार कर रहे हैं उसकी वैल्यू सोने से कम नहीं है.

हाईग्राउंड होल्डिंग्स के मुख्य कार्यकारी और संस्थापक बीच ने कहा था उनकी कंपनी ने पहले ही बांग्लादेश में कई परिसंपत्तियां हासिल कर ली हैं और वे देश के ऊर्जा, वित्त और अन्य क्षेत्रों में और अधिक निवेश करना चाहेंगे.

जेंट्री थॉमस ने यूनुस सरकार की हिन्दू अल्पसंख्यकों पर किए जाए अनैतिक और अवैध कार्यों को नजरअंदाज करते हुए कहा था कि आपने बहुत अच्छा काम किया है. और बांग्लादेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति अच्छी हुई है.

बीच की यात्रा से सवाल उठना लाजिमी है

बीच और ट्रंप जूनियर की दोस्ती वॉर्टन बिजनेस स्कूल, यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया से है, जहां वे 1990 के दशक में साथ थे.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार जब पाकिस्तान पहलगाम आतंकी हमले की साजिश रचने में व्यस्त था, इस दौरान जेंट्री थॉमस इस्तांबुल में (17 अप्रैल को) तुर्की समूह टेरा होल्डिंग के साथ दुबई में तेल और खनन पर एक संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे थे.

पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की इन तीनों देशों में ही बीच को ट्रम्प के ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया गया जो व्यापार के लिए गंभीर थे.

इसस पहले एक रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष में मध्यस्थ बनने के डोनाल्ड ट्रम्प के प्रयास ने एक सौदे पर सुर्खियां बटोरीं.

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने हाल ही में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के साथ एक डील की है जो एक क्रिप्टोकरेंसी बिजनेस है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति के परिवार की 60% हिस्सेदारी है. यह सौदा जल्दबाजी में लॉन्च किए गए पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के बीच हुआ था, जिसने पिछले महीने की शुरुआत में दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, बिनेंस के संस्थापक चांगज़ेंग झाओ (सीज़ेड) को अपना सलाहकार नियुक्त किया था.

इस्लामाबाद को स्वयं को दक्षिण एशिया की क्रिप्टो राजधानी बनाने के महत्वाकांक्षी उद्देश्य काम कर रहा है. हालांकि पाकिस्तान का क्रिप्टो काउंसिल मुश्किल से कुछ दिन पुराना था, लेकिन वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने अपने पदाधिकारी ट्रम्प के गोल्फ दोस्त स्टीव के बेटे ज़ैचरी विटकॉफ समेत अन्य दोस्तों को भेजा था.

यहां उनका शरीफ ने स्वागत किया था. और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इसके कुछ ही दिन बाद सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने पहलगाम की घटना को हरी झंडी दे दी.

गौरतलब है कि 10 मई को भारत-पाकिस्तान के टकराव के बीच में ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान से बात कर दोनों पक्षों के बीच जंग को रुकवाने में सकारात्मक रोल अदा किया है. ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों से कहा था कि भारत-पाकिस्तान अमेरिका से ट्रेड में भागीदार बनें. हालांकि भारत ने जंग रुकवाने के लिए हुई चर्चा के दौरान ट्रेड का मुद्दा आने से इनकार किया था.

पाकिस्तान के संसाधनों पर नजर

जेंट्री बीच का पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की में व्यापार की तलाश करना उसी तरह की चिंता पैदा करता है, जैसी वेनेजुएला के लिए प्रतिबंध हटाने की कोशिश करते समय हुई थी। दोनों ही मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा की परवाह किए बिना ट्रंप एंड कंपनी को आकर्षक सौदे की पेशकश की गई थी। यह एक जगजाहिर बात है कि जेंट्री बीच के पिता गैरी को दिवालियापन धोखाधड़ी में दोषी ठहराया गया था।

जब पाकिस्तान पहलगाम में आतंकी हमले की साजिश रच रहा था, तब जेंट्री बीच 17 अप्रैल को इस्तांबुल में तुर्की के एक ग्रुप टेरा होल्डिंग के साथ दुबई में तेल और खनन के लिए एक संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे थे। तीनों देशों में उनका स्वागत ट्रंप के खास आदमी के तौर पर किया गया, जो व्यापार करने आए थे। पाकिस्तान में उन्होंने कहा कि वहां 50 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के दुर्लभ खनिज भंडार हैं। तुर्की को उन्होंने चीन की जगह दुनिया का अगली फैक्ट्री बनाने का प्रस्ताव दिया।

किप्टो काउंसिल

15 मई को खबर दी थी कि कैसे भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष में डोनाल्ड ट्रंप मध्यस्थ बनने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान एक सौदा सामने आया है, जो पाकिस्तान ने हाल ही में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के साथ किया है। यह एक क्रिप्टो करेंसी का कारोबार है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति के परिवार की 60% हिस्सेदारी है। यह सौदा पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल ने किया था। इस काउंसिल को जल्दबाजी में शुरू किया गया था। इसने पिछले महीने चेंगपेंग झाओ (CZ) को अपना सलाहकार नियुक्त किया था। झाओ दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज बाइनेंस के फाउंडर हैं। काउंसिल का लक्ष्य इस्लामाबाद को दक्षिण एशिया की क्रिप्टो राजधानी बनाना है।

क्रिप्टो काउंसिल को बने हुए कुछ ही दिन हुए थे, लेकिन वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने अपने बड़े अधिकारियों को इस्लामाबाद भेजा। इनमें ट्रंप के गोल्फ के साथी स्टीव के बेटे जाचरी विटकॉफ भी शामिल थे। शरीफ ने उनका स्वागत किया। इसके अलावा सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने भी उनकी अगवानी की। इसके कुछ दिन बाद ही पहलगाम में आतंकी हमला हुआ। वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के शेयरधारकों में ट्रंप के दो बेटे, एरिक और डोनाल्ड ट्रंप जूनियर भी शामिल हैं। उनके साथ उनके बहनोई जेरेड कुशनर भी हैं। ये सभी आकर्षक व्यापारिक सौदों के लिए अलग-अलग जगहों पर घूम रहे हैं। इन पर व्हाइट हाउस से अपने संबंधों का फायदा उठाने के आरोप लगे हैं।

समझिए क्या है मंशा
दरअसल, यह सोना हिमालय से बहकर आया हुआ माना जा रहा है, जो सिंधु नदी के तलछटों में मिला है। प्लेसर माइनिंग एक ऐसी तकनीक है जिससे नदी के के तलछट से से सोना निकाला जाता है। बीच की इस दो दिन की यात्रा में एक और अहम बात हुई। पाकिस्तान ने अमेरिका के डिफेंस डिपार्टमेंट के ट्रस्टेड पार्टनर प्रोग्राम में शामिल होने के लिए कुछ अहम खनिजों की संयुक्त खुदाई की पेशकश भी की। यह दौरा पाकिस्तान स्पेशल इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन काउंसिल (SIFC) की मदद से हुआ, जो 2023 में बनाई गई थी। इसका नेतृत्व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कर रहे हैं. लेकिन इसकी सर्वोच्च समिति में फौज के प्रमुख जनरल असीम मुनीर भी शामिल है। इसके नेशनल कोऑर्डिनेटर और डायरेक्टर जनरल दोनों फौजी अफसर हैं। बीच ने पाकिस्तान में इतना भरोसे से ट्रंप का नाम लिया कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि अमेरिकी दूत रिचर्ड ग्रेनेल, जिन्होंने इमरान खान का समर्थन किया था, शायद उन्हें पाकिस्तान की सही तस्वीर नहीं दिखाई गई।

इस्लामाबाद के बाद ढाका पहुंचे, और फिर…
इस्लामाबाद के बाद बीच बांग्लादेश में ढाका पहुंचे। वहां उन्होंने बांग्लादेश के चीफ अडवाइजर मोहम्मद यूनुस, जमात-ए-इस्लामी के नेताओं और बाग्लादेश इन्वेस्टमेंट डिवेलपमेंट अथॉरिटी के अफसरों से मुलाकात की। वहां उन्होंने अपनी दूसरी कंपनी हाईग्राउंड होल्डिंग्स के जरिए ऊर्जा और खनिज क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जताई। मंगलवार को बीच की कपनी वाइट ब्रिज ग्लोबल ने दुर्किये की कपनी टेरा होल्डिग्स के साथ दुबई में फिफ्टी-फिफ्टी साझेदारी में एक और बड़ी डील साइन की। इससे भारत के लिए चिंताजनक एक नई त्रिकोणीय धुरी बन गई है- तुर्किये, पाकिस्तान और नया बांग्लादेशी शासन।

बीच की यात्रा और ट्रंप से रिश्ते पर उठे सवाल
बीच और ट्रंप जूनियर की दोस्ती वॉर्टन बिजनेस स्कूल, यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया से है, जहां वे 1990 के दशक में साथ थे। हाल ही में दोनों एक दशक पुराने मुकचने के कारण सुर्खियों में आए। इस मुरूदने में बीच और उनकी पूर्ण कंपनी टूरकजी कंसल्टेंट्स शामिल थे। केस में कुछ ईमिल सामने आए, जिसमें बीच और ट्रंप जूनियर के बीव नस्लीय टिप्पणियां थे। अब बीव की पूरी यात्रा और रिश्तों की टाइमिन पर सवाल उठने लाजमी है। खासतौर पर ट्रंप के ऑपरेशन सिंदूर पर दिए गए बयान के संदर्भ में और उस क्रिप्टो डील के मादेनागर, जो हाल ही में ट्रंप से जुड़ी वर्ल्ड लिबर्टी फाड़नेशल और पाकिस्तान करें नई क्रिप्टो काउंसिल के बीच हुई। इस दौरान, वाइट ब्रिज पाकिस्तान नाग से एक वेब पेज लॉन्च किया गया है। इस पर लिखा है- लॉन्चिग जल्द ।

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