TILDesk/ #upnewsmail– इस पूरी घटना के पीछे थाना राजेपुर क्षेत्र का एक बंदी अतुल बताया जा रहा है। अतुल काफी समय से #फर्रुखाबादफतेहगढ़ जिला जेल के अस्पताल में कमर दर्द का इलाज करा रहा था। शनिवार को जिला जेल के डॉक्टर नीरज चौहान ने अतुल को डिस्चार्ज किए जाने की रिपोर्ट जेल अधीक्षक को भेज दी थी। रविवार सुबह जब बंदीरक्षक उसे बैरक की ओर ले जाने लगा तो अतुल बंदीरक्षक से भिड़ गया जिसके तुरंत बाद जेल का अलार्म बज गया। इससे पहले कि जेल प्रशासन और बंदीरक्षक कैदियों को नियंत्रण में कर पाते, कैदी बैरकों की छत पर चढ़ गए और वहां से पथराव शुरू कर दिया।
फतेहगढ़ जिला जेल पर कैदियों ने कब्जा कर लिया है और दो बंदीरक्षकों को कैदियों ने बंधक बना रखा है। जेल के अंदर कैदियों द्वारा आगजनी की गई है और बैरकों की छत पर चढ़कर लगतार पथराव कर रहे हैं। अधिकारी फिलहाल दूसरे गेट से अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
बचाव में आए बंदीरक्षक काफी देर तक कैदियों का गुस्सा शांत होने का इंतजार करते रहे लेकिन इसी दौरान कुछ कैदियों ने जेल के कंबल, गद्दों में आग लगा दी। सूचना मिलने पर प्रभारी जिलाधिकारी सीडीओ एनपी पांडेय के अलावा पुलिस अधीक्षक विभिन्न थानों की फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे। अधिकारियों के मुताबिक कैदी अभी भी जेल में पथराव कर रहे हैं। कैदियों से वार्ता का प्रयास कर रहे जेल अधीक्षक आरके वर्मा के सिर में भी पत्थर लगा है और वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। बाद में, प्रभारी जिलाधिकारी एनपी पांडये, एक बंदीरक्षक संतोष कुमार व फतेहगढ़ कोतवाल भी घायल हो गए हैं।
कैदी इस पूरे मामले को सामने रखने के लिए मीडिया को अंदर बुलाए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं है। कैदी जेल में मिलने वाले खराब खाने और जेल प्रशासन द्वारा वसूली और उत्पीड़न किए जाने की शिकायत कर रहे हैं। डीआईजी (जेल) कानपुर से फर्रुखाबाद के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं, जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु भी वापस मुख्यालय पर लौट आए हैं। सूत्रों के मुताबिक अभी तक स्थिति अधिकारियों के नियंत्रण में नहीं है।
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