पठानकोट
भारतीय वायुसेना के M17 अपाचे हेलीकॉप्टर की शुक्रवार को पठानकोट के नंगलपुर इलाके में इमरजेंसी लैंडिंग हुई. माना जा रहा है कि किसी तकनीकी खराबी के कारण हेलीकॉप्टर को एहतियातन लैंड कराया गया. इसमें किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है. अपाचे हेलीकॉप्टर ने पठानकोट एयरबेस से उड़ान भरी थी. स्थानीय पुलिस ने एक बयान में कहा, 'पठानकोट वायुसेना स्टेशन से उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टर को कथित तौर पर तकनीकी दिक्कतों के बाद खुले मैदान में एहतियातन उतरना पड़ा. हेलीकॉप्टर को उतरते देख ग्रामीण मौके पर जमा हो गए, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत इलाके की घेराबंदी कर दी.'
अभी तक भारतीय वायुसेना की ओर से आपातकालीन लैंडिंग के कारणों के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. मौके पर मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों ने ऑपरेशनल और सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि सार्वजनिक सुरक्षा या बुनियादी ढांचे को कोई खतरा नहीं है. इससे पहले 6 जून को भी इंडियन एयरफोर्स के एक अपाचे हेलीकॉप्टर की उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी. भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने बताया था कि एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर ने सहारनपुर के पास एहतियातन लैंडिंग की.
कुछ घंटे बाद एयरफोर्स के टेक्नीशियन की मदद से हेलीकॉप्टर को सहारनपुर एयरबेस पर वापस लाया गया. इससे पहले, भारतीय वायुसेना का एक रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (Unmanned Aerial Vehicle) जैसलमेर जिले के पिथला गांव में 5 जून को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. वायुसेना ने बताया था कि इस हादसे में किसी भी व्यक्ति या संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. वायुसेना ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'भारतीय वायुसेना का एक रिमोटली पायलटेड विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान जैसलमेर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया.'
अपाचे हेलीकॉप्टरों की खासियत पर एक नजर
अपाचे AH-64E भारतीय वायुसेना के बेड़े में सबसे आधुनिक और घातक हेलीकॉप्टरों में से एक है, जो एडवांस टारगेटिंग, नेविगेशन और वेपन सिस्टम्स से लैस है. यह हेलीकॉप्टर अत्यधिक ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों सहित रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह के अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हालांकि बार-बार इमरजेंसी लैंडिंग से भारतीय वायुसेना के इन हेलीकॉप्टर्स की विश्वसनीयता को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं, लेकिन रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि ऐसी लैंडिंग स्टैंडर्ड सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का हिस्सा हैं और अक्सर बड़ी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ऐसा किया जाता है. भारतीय वायुसेना की टेक्निकल टीम हलेड़ गांव में अपाचे हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग के कारणों का पता लगाने के लिए गहन और विस्तृत जांच करेगी.