इलाहाबाद डेस्क/ सनातन धर्मियों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने स्वयंभू शंकराचार्यों और फर्जी बाबाओं को लेकर अब बेहद सख्त रुख अपनाया है | अखाड़ा परिषद ने साफ़ कर दिया है कि आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार पीठों के साथ ही कांची कामकोटि उपपीठ को मिलाकर सिर्फ पांच पीठों के प्रमुख ही शंकराचार्य कहे जाएंगे | इसके अलावा बाकी सब फर्जी और स्वयंभू शंकराचार्य माने जाएंगे |
अखाड़ा परिषद ने यूपी की योगी सरकार से अपील की है कि इलाहाबाद में लगने वाले अर्ध कुंभ मेले और दूसरे आयोजनों में सिर्फ इन्ही पांच को शंकराचार्य की हैसियत से मान्यता और सुविधाएं दी जाएं | रविवार को इलाहाबाद में संगम तट पर हुई परिषद की बैठक में यह भी तय किया गया कि खुद को शंकराचार्य कहने वाले बाकी लोग अगर संत की हैसियत से किसी आयोजन में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा, लेकिन अगर वह खुद को शंकराचार्य बताएंगे तो उनका विरोध किया जाएगा |
अखाड़ों की इस बैठक में बनारस की काशी विद्वत परिषद संस्था द्वारा तमाम लोगों को जगतगुरु की उपाधि दिए जाने पर भी नाराज़गी जताई गई. बैठक में कहा गया कि काशी विद्वत परिषद को इस तरह से किसी को भी शंकराचार्य बनाने का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए उसे सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए| फर्जी बाबाओं की भीड़ रोकने के लिए अखाड़ों, मठों और आश्रमों से अपने साधू-संतों को फोटो लगा पहचान पत्र जारी करने को भी कहा गया है | बैठक में यह भी तय किया गया कि अयोध्या विवाद को आपसी सहमति से हल करने के लिए परिषद जल्द ही एक फार्मूला तय कर दोनों पक्षों से बातचीत की पहल करेगा |