नयी दिल्ली डेस्क/उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिक समुदाय से ताल्लुक रखने का दावा करने वाले कुछ मशहूर लोगों की देश में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में रखने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को निरस्त करने की मांग करने वाली याचिका को उचित निर्णय के लिए मुख्य न्यायाधीश की पीठ के हवाले कर दिया है।
न्यायमूर्ति एस ए बोब्डे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने कहा कि यह मामला उपयुक्त निर्णय के लिए देश के प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के हवाले किया जाए।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि याचिका को अदालत में विचाराधीन उपचारात्मक याचिका के साथ विचार किया जाए। पीठ ने तब कहा कि इसे प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने सूचीबद्ध किया जा सकता है।
पीठ ने कहा, ‘‘मामले को उचित आदेश के लिए प्रधान न्यायाधीश के लिए सूचीबद्ध किया जाए।’’