लखनऊ डेस्क/ योगी सरकार प्रदेश में समूह ‘ग’ और ‘घ’ की नौकरियों से इंटरव्यू खत्म करने का प्लान तैयार कर चुकी है। सीएम योगी ने नियुक्ति और कार्मिक विभाग के इस प्रस्ताव पर सहमति जता दी है। जल्द ही कैबिनेट में इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। कैबिनेट की मुहर लगने के बाद प्रदेश में भी केंद्र सरकार की तरह इंटरव्यू के बिना नियुक्ति की व्यवस्था लागू हो जाएगी।
यूपी इलेक्शन के समय बीजेपी के मेनिफेस्टो (संकल्प पत्र) में पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती के लिए यह घोषणा की गई थी। मेनिफेस्टो में कहा गया था कि, ‘समूह ‘ग’ और ‘घ’ की सरकारी नौकरियों में संवैधानिक आरक्षण व्यवस्था का सम्मान करते हुए बिना जाति और धर्म के पक्षपात के भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए साक्षात्कार को समाप्त किया जाएगा। शपथ ग्रहण के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संकल्प पत्र के इस बिंदू को 100 दिन के अंदर ही लागू करने के निर्देश दिए हैं। सीएम के निर्देश के मद्देनजर नियुक्ति और कार्मिक विभाग ने सारी औपचारिकता पूरी कर नियमावली तैयार कर ली गई है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 2016 में स्वतंत्रता दिवस पर समूह ‘ग’ और ‘घ’ की नौकरियों से साक्षात्कार खत्म करने का एलान किया था। उन्होंने इस नियम को राज्यों से भी लागू करने का आहवान किया था। इसके बाद तात्कालीन अखिलेश सरकार ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाया था और विभागों से सूचनाएं मांगी थी, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई थी। बीजपी का इस नियम को लेकर मानना है कि साक्षात्कार खत्म होने से नौकरियों में सिफारिशें, पक्षपात और भ्रष्टाचार बंद हो जाएगा। इससे दक्षता बढ़ेगी और योग्य लोगों को ही मौका मिलेगा।
भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में कहा था कि सरकार बनने के 90 दिनों के भीतर ही प्रदेश के सभी रिक्त सरकारी पदों के लिए पारदर्शी तरीके से भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। चूंकि भर्ती के लिए नई नियमावली का बनना जरूरी है। इसलिए भी भर्तियों से साक्षात्कार खत्म करने की पहल की है।